पीएनबी घोटाले मामले में ब्रिटेन की अदालत से भारत के भगोड़े नीरव मोदी को बड़ा झटका लगा है। यूके हाईकोर्ट ने बुधवार (जून 23, 2021) को नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के आवेदन को खारिज कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाईकोर्ट के इस फैसले के साथ नीरव मोदी भारत को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी अपील के पहले चरण में हार गया है। अब नीरव के पास मौखिक सुनवाई के लिए नए सिरे से अपील करने के लिए 5 दिन का वक्त है।
#UPDATE | UK High Court rejects the written plea by fugitive diamantaire Nirav Modi to appeal against extradition to India. Lawyers to now make oral submissions.
— ANI (@ANI) June 23, 2021
इस संबंध में ब्रिटिश हाईकोर्ट के एक अधिकारी ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि नीरव मोदी के पास अब मौखिक सुनवाई के लिए नए सिरे से अपील करने का मौका बचा है, जिस पर न्यायाधीश यह निर्णय कर सकते हैं कि क्या मामले में पूर्ण अपील सुनवाई की जा सकती है।
बता दें कि ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल में नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का आदेश दिया था, जो धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों में वांछित है। ऐसे में हाईकोर्ट में नीरव की ओर से दाखिल की गई अपील दस्तावेजी फैसले करने से संबंधित थी।
इस संबंध में बुधवार को ईडी ने भी बयान दिया। जाँच एजेंसी ने कहा कि पीएनबी घोटाले और भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन्स से जुड़े धोखाधड़ी मामलों में बैंकों को हुए नुकसान का 40 फीसद पैसा धनधोशन निवारण कानून के तहत कुर्क शेयरों को बेचकर हासिल कर लिया गया है।
ईडी ने कहा कि ने माल्या को पैसा कर्ज के तौर पर देने वाले भारतीय स्टेट बैंक नीत सहायता संघ की ओर से यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड के 5,800 करोड़ रुपए से अधिक के शेयर बेचे गए।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले खबर आई थी कि यूनाइटेड किंगडम (यूके) के गृह मंत्री ने भगोड़े भारतीय बिजनेसमैन नीरव मोदी के भारत में प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। सीबीआई ने इसकी जानकारी दी थी। नीरव मोदी 14,000 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में धोखाधड़ी और मनी लॉन्डरिंग का आरोपित है।
यूके की अदालत ने फरवरी 2021 में यह स्वीकार किया था कि नीरव मोदी के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग का केस दर्ज किया गया है। यूके की वेस्टमिन्स्टर कोर्ट ने यह भी माना था कि हीरों के व्यापारी ने सबूतों को खत्म करने और गवाहों को डराने का कार्य किया है। कोर्ट ने ऑर्डर दिया था कि नीरव मोदी को ट्रायल के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जाए।