नवजात बेटी के निधन के बाद भी मैदान में उतर कर रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा टीम के क्रिकेटर विष्णु सोलंकी ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। अंतिम संस्कार से लौटने के बाद उन्होंने शतक भी लगाया। उनकी इसी पारी की बदौलत बड़ौदा ने चंडीगढ़ पर बढ़त बना ली है। विष्णु अभी हाल ही में पिता बने थे।
Unreal commitment from Vishnu Solanki who lost his newborn daughter a few days back.#ranjitrophy2022 #CricketTwitter pic.twitter.com/5mwOaD06oc
— CricTracker (@Cricketracker) February 25, 2022
विष्णु सोलंकी इस रणजी सीजन में अपना पहला मैच खेल रहे हैं। वो अभी हाल ही में एक बेटी के पिता बने थे। इस मैच में विष्णु सोलंकी 12 चौकों के साथ 161 गेंदों पर 103 रन बना कर नाबाद हैं। चंडीगढ़ की पहली पारी 168 रन पर सिमट गई थी। दो दिन का खेल खत्म होने तक बड़ौदा ने चंडीगढ़ पर 230 रन की बढ़त बना ली है।
What a player . Has to be the toughest player i have known. A big salute to vishnu and his family by no means this is easy🙏 wish you many more hundreds and alot of success 🙏🙏 pic.twitter.com/i6u7PXfY4g
— Sheldon Jackson (@ShelJackson27) February 25, 2022
विष्णु की तारीफ में क्रिकेटर शेल्डन जैक्सन ने कहा, “क्या खिलाड़ी है। जिन्हें मैं जानता हूँ, उन सबमें सबसे कठिन खिलाड़ियों में से एक। विष्णु और उनके परिवार को एक बड़ा सैल्यूट। तुम्हें और भी शतक और सफलता की शुभकामनाएँ।”
11 फरवरी 2022 को विष्णु सोलंकी की बेटी का जन्म हुआ था। बेटी के जन्म के समय विष्णु कटक में अपनी टीम बड़ौदा के लिए रणजी खेलने गए हुए थे। जन्म के 24 घंटे के भीतर ही हालाँकि विष्णु और उनके परिवार के लिए खुशियाँ मातम में बदल गई, उनकी बेटी की मौत हो गई। जिस बेटी का वो मुँह भी न देख सके, उसके अंतिम संस्कार के लिए विष्णु सोलंकी कटक से अपने घर गए। लेकिन जब कर्म को ही पूजा मान कर लौटे तो टीम के लिए शतक बना एक तरह का इतिहास रच दिया।
सचिन-कोहली से मिलती जुलती घटना
सन 1999 के विश्वकप में सचिन तेंदुलकर ने अपने पिता की मृत्यु के बाद खेले गए मैच में शतक बनाया था। उस मैच में सचिन ने केन्या के खिलाफ 101 गेंदों में 140 रन बनाए थे। तब सचिन ने अपनी माँ द्वारा टीम के लिए खेलने का आदेश बताया था।
दिल्ली के लिए रणजी मैच खेलने के दौरान विराट कोहली के पिता की मृत्यु हो गई थी। फिर भी विराट ने मैच खेला था और अर्धशतक लगाया था। उनकी पारी से ही दिल्ली हार से बच पाई थी। इस पारी के बाद वो अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।