Tuesday, July 15, 2025
Homeविविध विषयअन्य1 दिन की बेटी के अंतिम संस्कार से लौट कर लगाया शतक, विष्णु सोलंकी...

1 दिन की बेटी के अंतिम संस्कार से लौट कर लगाया शतक, विष्णु सोलंकी ने दिलाई अपनी टीम को बढ़त

बेटी के जन्म के समय विष्णु कटक में अपनी टीम के लिए रणजी खेलने गए थे। जन्म के 24 घंटे के भीतर ही उनकी बेटी की मौत हो गई। जिस बेटी का वो मुँह भी न देख सके, उसके अंतिम संस्कार के लिए घर गए तो जरूर लेकिन लौट कर शतक बना इतिहास रच दिया।

नवजात बेटी के निधन के बाद भी मैदान में उतर कर रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा टीम के क्रिकेटर विष्णु सोलंकी ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। अंतिम संस्कार से लौटने के बाद उन्होंने शतक भी लगाया। उनकी इसी पारी की बदौलत बड़ौदा ने चंडीगढ़ पर बढ़त बना ली है। विष्णु अभी हाल ही में पिता बने थे।

विष्णु सोलंकी इस रणजी सीजन में अपना पहला मैच खेल रहे हैं। वो अभी हाल ही में एक बेटी के पिता बने थे। इस मैच में विष्णु सोलंकी 12 चौकों के साथ 161 गेंदों पर 103 रन बना कर नाबाद हैं। चंडीगढ़ की पहली पारी 168 रन पर सिमट गई थी। दो दिन का खेल खत्म होने तक बड़ौदा ने चंडीगढ़ पर 230 रन की बढ़त बना ली है।

विष्णु की तारीफ में क्रिकेटर शेल्डन जैक्सन ने कहा, “क्या खिलाड़ी है। जिन्हें मैं जानता हूँ, उन सबमें सबसे कठिन खिलाड़ियों में से एक। विष्णु और उनके परिवार को एक बड़ा सैल्यूट। तुम्हें और भी शतक और सफलता की शुभकामनाएँ।”

11 फरवरी 2022 को विष्णु सोलंकी की बेटी का जन्म हुआ था। बेटी के जन्म के समय विष्णु कटक में अपनी टीम बड़ौदा के लिए रणजी खेलने गए हुए थे। जन्म के 24 घंटे के भीतर ही हालाँकि विष्णु और उनके परिवार के लिए खुशियाँ मातम में बदल गई, उनकी बेटी की मौत हो गई। जिस बेटी का वो मुँह भी न देख सके, उसके अंतिम संस्कार के लिए विष्णु सोलंकी कटक से अपने घर गए। लेकिन जब कर्म को ही पूजा मान कर लौटे तो टीम के लिए शतक बना एक तरह का इतिहास रच दिया।

सचिन-कोहली से मिलती जुलती घटना

सन 1999 के विश्वकप में सचिन तेंदुलकर ने अपने पिता की मृत्यु के बाद खेले गए मैच में शतक बनाया था। उस मैच में सचिन ने केन्या के खिलाफ 101 गेंदों में 140 रन बनाए थे। तब सचिन ने अपनी माँ द्वारा टीम के लिए खेलने का आदेश बताया था।

दिल्ली के लिए रणजी मैच खेलने के दौरान विराट कोहली के पिता की मृत्यु हो गई थी। फिर भी विराट ने मैच खेला था और अर्धशतक लगाया था। उनकी पारी से ही दिल्ली हार से बच पाई थी। इस पारी के बाद वो अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पहले ‘पायलट की गलती’ वाली खबर चलाई, फिर फ्यूल कंट्रोल स्विच पर किया गुमराह: क्या एअर इंडिया हादसे में विदेशी मीडिया ने पहले ही...

लगता है कि सारा दोष पायलटों पर मढ़ के बोइंग की साख को बचाने के लिए किया जा रहा है। पायलटों को बलि का बकरा बनाना बोइंग की पुरानी आदत रही है।

भारत-नेपाल सीमा पर इस्लामी कट्टरपंथियों का डेरा, मस्जिद-मजार जिहाद के लिए दक्षिण भारत से आ रहा मोटा पैसा: डेमोग्राफी भी बदली, ₹150 करोड़ फंडिंग...

भारत-नेपाल सीमा पर डेमोग्राफी बदलने का बड़ा खेल उजागर हुआ है। यहाँ आयकर विभाग को 150 करोड़ की फंडिंग के सबूत मिले हैं।
- विज्ञापन -