भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के लिए आज (सितंबर 2, 2019) बहुत महत्त्वपूर्ण दिन है। आज चंद्रयान-2 का लैंडर ‘विक्रम’ सफलतापूर्वक अपने ऑर्बिटर से अलग हो गया। इसरो से खुद ट्वीट करके इस बात की पुष्टि की।
#ISRO
— ISRO (@isro) September 2, 2019
Vikram Lander Successfully separates from #Chandrayaan2 Orbiter today (September 02, 2019) at 1315 hrs IST.
For details please visit https://t.co/mSgp79R8YP pic.twitter.com/jP7kIwuZxH
इसरो ने अपने ट्वीट में जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय समय के अनुसार लैंडर ‘विक्रम’ दिन में करीब 1 बजकर 15 मिनट पर अपने ऑर्बिटर से अलग हुआ। जिसके बाद अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने इस अलगाव को मायके से ससुराल के लिए रवाना होने जैसा बताया।
ISRO: The Vikram Lander successfully separated from #Chandrayaan2 Orbiter at 1:15 pm today (September 2, 2019). The Vikram Lander is currently located in an orbit of 119 km x 127 km. The Chandrayaan 2 Orbiter continues to orbit the moon in its existing orbit. pic.twitter.com/YVnerza1wC
— ANI (@ANI) September 2, 2019
खुशी की बात ये है कि वैज्ञानिकों ने उच्च स्तरीय बैठक में लैंडर के अलग होने का जो समय बताया था ये अलगाव उसी समय पर हुआ है। इसरो के अनुसार लैंडर विक्रम इस वक्त चन्द्रमा की 119 किमीx127 किमी कक्षा में चक्कर लगा रहा है, वहीं चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर उसी कक्षा में चक्कर लगा रहा है जिसमें वो रविवार को दाखिल हुआ था।
#ISRO
— ISRO (@isro) September 1, 2019
The final and fifth Lunar bound orbit maneuver for Chandrayaan-2 spacecraft was performed successfully today (September 01, 2019) at 1821 hrs IST.
For details please visit https://t.co/0gic3srJx3 pic.twitter.com/0Mlk4tbB3G
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसरो के वैज्ञानिकों ने रविवार को शाम 6:21 पर सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 की कक्षा में बदलाव किया था। जो चाँद की कक्षा में पहुँचने के बाद से पाँचवा और अंतिम बदलाव था। इस बदलाव में महज 52 सेकंड का वक्त लगा। फिलहाल चन्द्रयान चाँद से महज 109 किलोमीटर की दूरी पर रह गया है।
अपने ऑर्बिटर से अलग होने के बाद लैंडर विक्रम अपने भीतर मौजूद प्रज्ञान रोवर को लेकर चाँद की ओर बढ़ने लगा है। 4 सिंतबर के बाद अगले तीन दिनों तक लैंडर विक्रम चाँद के सबसे नजदीकी कक्षा 35×97 में चक्कर लगाता रहेगा। इस बीच मे लैंडर और रोवर की जाँच चलती रहेगी। और इसके बाद 7 सिंतबर को तड़के 1:55 पर लैंडर विक्रम चन्द्रमा के साउथ पोल पर लैंड करेगा। इस लैंडिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसरो के वैज्ञानिकों की टीम साथ देखेंगे। इस दौरान बंगलुरू स्थित इसरो के ऑडिटोरियम में देश भर से चुने गए 60 बच्चे और उनके अभिभावक भी मौजूद रहेंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि इन 60 बच्चों का चयन इसरो द्वारा आयोजित एक ‘स्पेस क्विज़’ जीतने के बाद हुआ है। जिसे 10 अगस्त से 25 अगस्त के बीच आयोजित किया गया था। इसमें भाग लेने वाले सभी बच्चों को भागीदारी के लिए प्रोत्साहन सर्टिफिकेट दिए गए हैं। लेकिन चुनाव सिर्फ़ 60 का ही हुआ है।