अमेरिकी टेक्नोलॉजी कम्पनी एप्पल आगामी वर्षों में भारत में 5 करोड़ आईफोन (एप्पल का स्मार्टफोन) का निर्माण करेगी। यह उसके कुल वार्षिक निर्माण का 25% होगा। इस प्रकार दुनिया उपयोग होने वाले एक चौथाई आईफोन भारत में निर्मित होंगे।
यह जानकारी अमेरिका के समाचार पत्र द वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दी गई है। जानकारी के अनुसार, वर्तमान में एप्पल सालाना 20 करोड़ आईफोन का निर्माण करता है। इनमें से अधिकाँश का निर्माण चीन में होता आया है। बीते कुछ वर्षों से यह तस्वीर बदलना चालू हो गई है।
भारत का भी इस निर्माण में हिस्सा अब बढ़ने लगा है, वर्तमान में यह लगभग 5% है। एप्पल लगातर भारत में अपनी निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा दे रहा है। एप्पल का निर्माण करने वाली ताईवानी कम्पनियाँ फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन भारत में आईफोन का निर्माण करती हैं।
यह कम्पनियाँ बेंगलुरु और चेन्नई में अपने नए प्लांट लगा रही हैं। अब टाटा समूह भी इस निर्माण क्षेत्र में उतर गया है। टाटा समूह ने हाल ही में एक अन्य ताईवानी कम्पनी विसट्रॉन के बेंगलुरु स्थित आईफोन प्लांट का अधिग्रहण किया था। टाटा ने यह अधिग्रहण लगभग ₹1100 करोड़ में किया था।
इस प्रकार टाटा आईफोन निर्माण करने वाली पहली भारतीय कम्पनी बन गई थी। अब टाटा कंपनी एक बड़ा आईफोन निर्माण प्लांट तमिलनाडु के होसूर में लगाने की योजना बना रही है जहाँ लगभग 50,000 लोगों को रोजगार दिया जाएगा। इसमें 20 आईफोन असेम्बली लाइन होंगी और इसके अगले एक से डेढ़ वर्ष में चालू हो जाने की संभावना है।
एप्पल के आईफोन के साथ ही इसके अन्य पार्ट के भारत में निर्माण को लेकर भी काम हो रहा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में सामने आई है कि एप्पल भारत में कई निर्माण कम्पनियों को उसकी बैटरियों के निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इस संबंध में एक प्लांट हरियाणा के मानेसर में लगने भी वाला है।
एप्पल वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्यातक है। वर्ष 2022-23 में इसने ₹40,000 करोड़ के आईफोन भारत से निर्यात किए थे जबकि वर्ष 2023-24 के पहले सात महीनों में ही ₹40,000 करोड़ से अधिक के स्मार्टफ़ोन निर्यात कर दिए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 खत्म होने तक इसके लगभग ₹1 लाख करोड़ होनी की संभावना भी जताई जा रही है।
भारत में निर्माण बढ़ाने के पीछे एप्पल का यह लक्ष्य है कि वह चीन पर अपनी निर्भरता को कम करे। दरअसल, कोरोना महामारी और उसके बाद आई अस्थिरता के कारण एप्पल केवल अपने निर्माण के लिए चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहता। भारत, चीन की जगह अच्छा विकल्प है क्योंकि श्रमिक सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं और साथ ही सरकार इसे प्रोत्साहन दे रही है।
केन्द्रीय आईटी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बयान में कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में 50 बिलियन डॉलर (लगभग ₹5.5 लाख करोड़) के स्मार्टफोन का निर्माण होगा। उन्होंने यह भी बताया कि 2023-24 की पहली छमाही में 6.53 बिलियन डॉलर (लगबग ₹52 हजार करोड़) के स्मार्टफ़ोन निर्यात कर चुका है।
भारत बीते कुछ वर्षों में स्मार्टफ़ोन निर्यात में आत्मनिर्भर हो चुका है। हाल ही में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि अब देश में उपयोग होने वाले 99.2% स्मार्टफोन भारत में ही निर्मित हो रहे हैं। उन्होंने एक आँकड़ा भी पेश किया था जिसमें बताया गया था कि बीते 9 वर्षों में देश में स्मार्टफोन का निर्माण 9 गुना बढ़ चुका है।