भारत ने अंतरिक्ष में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। चंद्रयान- 2 मंगलवार (अगस्त 20, 2019) को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया। चंद्रयान-2 मंगलवार सुबह 9.02 बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुँचा। 23 दिन पृथ्वी के चक्कर लगाने के बाद चंद्रमा की कक्षा में पहुँचने में इसे 6 दिन लगे।
#WATCH ISRO Chairman briefs the media on Lunar Orbit Insertion of #Chandrayaan2 https://t.co/GKzNSqtK69
— ANI (@ANI) August 20, 2019
चंद्रमा की कक्षा में पहुँचने के बाद यान 13 दिन तक चक्कर लगाएगा। 7 सितंबर को वह चंद्रमा के ‘साउथ पोल’ पर उतरेगा।
The insertion of India’s spacecraft to the moon, #Chandrayaan2, into the lunar orbit was a tense 30 minute operation, said #ISRO Chairman #KSivan.
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चंद्रयान- 2 के चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के तुरंत बाद इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि चंद्रयान -2 में चंद्रमा की कक्षा में भारत के चंद्रयान का प्रवेश 30 मिनट का तनावपूर्ण ऑपरेशन था। जैसे-जैसे समय निकल रहा था तनाव और चिंता बढ़ती जा रही थी, लेकिन यान के चंद्रमा कक्ष में सफलतापूर्वक प्रवेश करना राहत और खुशी की बात है। उन्होंने कहा, “हम एक बार फिर से चाँद पर जा रहे हैं।”इस यात्रा का अगला महत्वपूर्ण पड़ाव दो सितंबर को आएगा।
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief K Sivan: On 7th September, at 1:55 am lander will land on the moon. #Chandrayaan2 pic.twitter.com/rJiWfJlbaP
— ANI (@ANI) August 20, 2019
इससे पहले सोमवार (अगस्त 19, 2019) को सिवन ने बताया था कि चाँद की कक्षा में आने के बाद चंद्रयान-2 चाँद की चार कक्षाओं से होकर गुजरेगा, जिसके बाद यह चाँद की अंतिम कक्षा में दक्षिणी ध्रुव पर करीब 100 किमी ऊपर से गुजरेगा। इसी दौरान 2 सितंबर को यान का विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। विक्रम चार दिन तक 30 गुणा 100 किमी के दायरे में चाँद का चक्कर लगाएगा। इसके बाद यह चाँद के दक्षिणी ध्रुव में सतह पर 7 सितंबर को प्रवेश करेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग इसरो के लिए इस मिशन की सबसे बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि वहां हवा नहीं चलती और गुरुत्वाकर्षण बल भी हर जगह अलग-अलग होता है।