भारत में अब ज़ल्द ही 5G इन्टरनेट की सुविधा मिलने लगेगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसकी पुष्टि की है। भारत जल्द ही 5G के लिए फील्ड ट्रायल शुरू करने वाला है। इस प्रक्रिया को पूरे देश में 100 दिनों के भीतर शुरू किया जाएगा। इसके अलावा 5G की सर्विस के लिए एक मेगा स्पेक्ट्रम ऑक्शन भी होगा। इसमें 5G के अलावा अन्य रेडियो वेव भी शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक बार ट्रायल सही से ख़त्म हो जाए, फिर आम जनता के प्रयोग के लिए भी 5G उपलब्ध हो जाएगा।
DoT to begin 5G trials in 100 days: @rsprasadhttps://t.co/lbQf7xwoaE
— RSPrasad Office (@OfficeOfRSP) June 4, 2019
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि Huwaei कम्पनी के 5G ट्रायल में हिस्सा लेने के बारे में अभी कुछ तय नहीं है और वह इस मामले में गंभीरता से विचार करेंगे। बता दें कि Huwaei और इसकी अन्य सहयोगी कम्पनियों को अमेरिका की ट्रम्प सरकार ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है, जिसके बारे में बात करते हुए प्रसाद ने कहा कि किसी कम्पनी को परीक्षण में भागीदारी लेने की इजाजत देना या नहीं देना सेफ्टी का मुद्दा है। बता दें कि Huwaei टेलीकॉम सेक्टर में 5G की अग्रणी कम्पनी मानी जाती है।
दैनिक जागरण में प्रकाशित ख़बर के अनुसार, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने टेलीकॉम फ्रीक्वेंसी के लगभग 8,644 एमएचजेड की नीलामी की सिफारिश की है, जिसमें 5G सर्विस के लिए 4.9 लाख करोड़ रुपए की अनुमानित क़ीमत है, लेकिन टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि वे क़ीमत का जोखिम नहीं उठा सकते हैं। केंद्रीय मंत्री प्रसाद को उम्मीद है कि क़ीमत को लेकर टेलीकॉम पर संसद की स्टेंडिंग कमेटी या फाइनेंस कमेटी कोई न कोई समाधान ज़रूर निकाल लेगी।
We are soon going to launch field trials of #5G technology. It shall be our effort to roll out 5G for public use after the field trails: @rsprasad
— RSPrasad Office (@OfficeOfRSP) June 3, 2019
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार 5G का प्रयोग विकासोन्मुखी कार्यों के लिए करने का पूरा प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि इस तकनीक का प्रयोग वंचित वर्गों और ग्रामीणों के हित में होगा। साथ ही उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के जनहितकारी कार्यों के लिए 5G तकनीक का इस्तेमाल करने की बात कही। सरकारी कम्पनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा कि सरकारी कम्पनियों को वापस प्रतिस्पर्धा में लाना उनका उद्देश्य है। साथ ही उन्होंने इन कम्पनियों को प्रोफेशनल तरीका अपनाने की सलाह भी दी।