Monday, December 23, 2024
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकी16 साल की सेलेब्रिटी ने भेजा PM मोदी के नाम पर्यावरण बचाने का संदेश

16 साल की सेलेब्रिटी ने भेजा PM मोदी के नाम पर्यावरण बचाने का संदेश

आज पूरे विश्व में अपनी पहचान बना लेने वाली ग्रेटा को नार्वे के 3 सांसदों द्वारा नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। पिछले वर्ष 2018 में ग्रेटा को पर्यावरण के मुद्दे पर बोलने के लिए TEDxStockholm में वक्ता के रूप में भी बुलाया गया था।

स्वीडन की 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग पूरी दुनिया में एक जाना-माना चेहरा बन चुकी है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर उनकी चिंता ने उन्हें पूरे विश्व में पहचान दिलाई है। बीते दिनों 105 देशों के स्कूली छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए हड़ताल की थी, इसके पीछे का कारण भी ग्रेटा थनबर्ग ही थीं। उनके द्वारा इस नेक मुहिम में आज कई देश और संगठन जुड़ चुके हैं। ऐसे में टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने भारतीय अखबार को दिए अपने पहले साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए और देश के बच्चों के लिए संदेश भेजा है।

15 मार्च 2019 को ऐसा पहली बार हुआ कि पर्यावरण को बचाने के लिए 105 देशों के स्कूली छात्र हड़ताल पर गए। विश्व भर के क़रीब 1,500 से अधिक शहरों के स्कूली छात्रों ने इस हड़ताल में भाग लिया था। आप सोच रहे होंगे कि एकदम से स्कूली छात्रों में पर्यावरण को लेकर इतनी जागरूकता कैसे जाग उठी कि एक साथ इतने बच्चों ने हड़ताल करने का फैसला कर लिया। तो आपको बता दें कि इस हड़ताल की वजह के पीछे एक 16 वर्षीय छात्रा है जिसका नाम ग्रेटा थनबर्ग है।

ग्रेटा कहती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को पर्यावरण संरक्षण को बेहद गंभीरता से लेना चाहिए और साथ ही उन्हें इस पर ठोस कदम उठाने चाहिए। उनके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और अगर वह इस समस्या के लिए कुछ नहीं करेंगे तो भविष्य में लोग इसके (पर्यावरण समस्या) लिए उन्हें (मोदी) ही दोषी ठहराएँगे।

ग्रेटा ने भारतीय स्कूल के बच्चों की तारीफ़ करते हुए इस साक्षात्कार में कहा कि उन्हें लगता है कि पर्यावरण के लिए भारत के कई स्कूली बच्चे हड़ताल करते हैं जो कि बहुत अच्छी बात है, वो बच्चे बेहद बहादुर है। उन्होंने कहा कि और जो बच्चे हड़ताल नहीं करते हैं उन्हें पर्यावरण की समस्या के बारे में पढ़ना चाहिए और पता करना चाहिए कि आखिर क्या चल रहा है।

लंदन और स्वीडन में उनके लगातार प्रदर्शनों को केंद्र में रखकर जब उनसे सवाल किया गया कि चीन में ऐसी कोई मुहिम क्यों नहीं चलाई जा रही है जबकि वहाँ सबसे अधिक उत्सर्जन हो रहा है तो ग्रेटा ने बताया कि अगर उन्हें इस मामले के मद्देनजर चीन जाने का निमंत्रण मिलता है तो उन्हें बहुत खुशी होगी। वो कहती हैं कि वह हवाई यात्रा नहीं करती हैं, इसलिए उन्हें चीन ट्रेन से जाना होगा, जिसके लिए काफ़ी समय लगेगा और उन्हें काफ़ी तैयारी भी करनी होगी।

इस साक्षात्कार में ग्रेटा ने भारत के बारे में कहा कि भारत ग्रीनहाउस का उत्सर्जन करने वाले देशों में काफ़ी आगे हैं। भारत की जनसंख्या बहुत अधिक है और इस कारण भी यहाँ प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक रहता है। साक्षात्कार में जब उनसे पूछा गया कि क्या इस समस्या से जूझने के लिए भारत के पास कोई रणनीति है, तो उन्होंने एक टूक जवाब देते हुए कहा कि उन्हें नहीं लगता इस समस्या को दूर करने के लिए किसी भी देश के पास कोई उपाय है।

ग्रेटा कहती हैं कि इन समस्याओं से जूझने के लिए सबसे बड़ा उपाय है कि हर व्यक्ति को पढ़ना चाहिए और खुद को शिक्षित बनाना चाहिए। तभी लोग समझ पाएँगे कि उन्हें क्या करना है। वो कहती हैं कि वो सिर्फ़ एक बच्ची हैं और संदेशवाहक की भूमिका में है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -