WhatsApp ने यह स्वीकार किया है कि उसकी साइबर सिक्युरिटी में गंभीर सेंध लगी है। इसके चलते हैकर आपके फ़ोन में स्पाइवेयर (आपकी जासूसी करने और आपका डाटा लीक करने वाले वायरस) इंस्टॉल कर सकते हैं, वह भी महज एक WhatsApp कॉल से। आप कॉल उठाएँ या न उठाएँ, इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह खतरा एंड्रॉइड और आईफ़ोन दोनों ही स्मार्टफोनों में है।
इज़राइली कंपनी ने बनाया वाइरस, किया WhatsApp को सावधान
इज़राइल की NSO ग्रुप नामक साइबर इंटेलिजेंस कंपनी ने इस वायरस का निर्माण किया है। उन्होंने WhatsApp को इस बारे में चेतावनी देने के साथ ही अमेरिका में कानूनी और पुलिस अधिकारियों, और अन्य साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को भी आगाह कर दिया है।
इस कमजोरी का फायदा उठाकर कोई भी हमलावर अपने दुश्मन के फ़ोन को साइबर हमले और डाटा लीक का शिकार बना सकता है। इसके लिए उसे केवल WhatsApp के जरिए सामने वाले को फ़ोन करने की जरूरत होगी। यह भी जरूरी नहीं कि फ़ोन सामने वाला उठाए ही। उसके न उठाने पर भी वायरस उसके फ़ोन में भेजा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार ऐसी किसी कॉल का इतिहास भी कॉल लॉग से मिटाया जा सकता है।
WhatsApp ने दूर की समस्या, जारी किया नया ऍप अपडेट
WhatsApp ने मामले पर जानकारी देते हुए NSO की ढूँढ़ी हुई खामी की पुष्टि तो की, लेकिन साथ में जोड़ा कि खामी को दूर कर दिया गया है। उनके अनुसार यह खामी इसी महीने उनके संज्ञान में आई थी, और सोमवार को जारी ऍप अपडेट में इसे दूर कर दिया गया है। WhatsApp ने अपने सभी उपभोक्ताओं से जल्दी से जल्दी अपनी ऍप अपडेट कर लेने की अपील भी की है, ताकि उनका डाटा सुरक्षित रह सके। इसके अलावा कंपनी ने उपभोक्ताओं को सामान्य एहतियातों का पालन करने के साथ-साथ अपने फ़ोन का ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) भी लेटेस्ट अपडेट पर रखने की भी सलाह दी है।
WhatsApp ने अपनी ओर से अमेरिकी सरकार और पुलिस को भी इत्तला दे दी है।