Monday, December 23, 2024
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अक्टूबर 2022 में तैयार हो जाएगा नया संसद, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू इसी साल नवंबर में होगा रेडी: मॉनसून सत्र में सरकार ने बताया

सेंट्रल विस्टा डेवलपमेंट मास्टर प्लान के तहत लिस्टेड किसी भी हेरिटेज बिल्डिंग को नष्ट नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय अभिलेखागार और राष्ट्रीय संग्रहालय विद्वानों और शोधकर्ताओं के लिए खुला रहेगा।

भारत सरकार ने गुरुवार (22 जुलाई 2021) को सदन में बताया कि देश का नया संसद भवन अगले साल अक्टूबर 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा। अगले साल ही देश की आजादी के 75 वर्ष भी पूरे होंगे। इसके अलावा, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू इसी साल नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा।

सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान के विकास के अन्य हिस्सों, जिनमें केंद्रीय सचिवालय भवन और केंद्रीय सम्मेलन केंद्र, प्रधानमंत्री निवास, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) भवन और उपराष्ट्रपति भवन के लिए इसी साल 31 मई 2021 को पर्यावरण मंत्रालय ने मंजूरी दे दी थी। जबकि, देश की नई संसद के लिए मंत्रालय ने पिछले साल 17 जून 2020 को मंजूरी दिया था।

इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया है, “सेंट्रल विस्टा डेवलपमेंट मास्टर प्लान के तहत लिस्टेड किसी भी हेरिटेज बिल्डिंग को नष्ट नहीं किया जाएगा। निर्माण के दौरान भी राष्ट्रीय अभिलेखागार और राष्ट्रीय संग्रहालय विद्वानों और शोधकर्ताओं के लिए खुला रहेगा।”

सरकार ने पर्यावरण संबंधी मंजूरी को लेकर आगे बताया कि पर्यावरण स्वीकृति देने से पहले सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान की सभी परियोजनाओं का पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अध्ययन किया गया था।

सरकार ने कहा, “पर्यावरण संबंधी मंजूरी (EC) के लिए आवेदन किए प्रोजेक्ट्स के अलावा, इस अध्ययन में एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव (प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय शामिल हैं) में प्रस्तावित भवनों का पर्यावरण प्रभाव और नई संसद भवन (जिसके लिए 17 जून, 2020 को पर्यावरण संबंधी मंजूरी पहले ही प्राप्त हो चुका है) का चल रहा निर्माण भी शामिल है।”

इसी प्रक्रिया में सरकार ने आगे बताया, “इस अध्ययन के आधार पर विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) के विचार के लिए एक व्यापक ईआईए रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। ईएसी ने ईआईए रिपोर्ट की जांच के बाद ईसी की सिफारिश की। नियत प्रक्रिया के बाद पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के 31 मई, 2021 के पत्र के माध्यम से पर्यावरण मंजूरी दी गई थी।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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