केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जीके रेड्डी ने आज (बुधवार, 27 नवंबर, 2019 को) राष्ट्रीय सुरक्षा, जिहाद और पाकिस्तान से जुड़ी एक बहुत बड़ी आशंका पर मुहर लगा दी, जिसे जनरल रावत ने दो महीने पहले ही जाहिर कर दिया था। उन्होंने इस बात की पुष्टि कर दी कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी बालाकोट में अपने लॉन्च पैड और बाकी दहशतगर्दी का ढाँचा दोबारा खड़ा करने की कोशिश में लगे हैं, और भारत के ख़िलाफ़ जिहाद की घुट्टी पिला रहे हैं।
Pak-based terror outfits trying to reactivate terror camps in Balakot: MHA https://t.co/1V1EUgLhNi
— DNA (@dna) November 27, 2019
इसी चीज़ की चिंता सितंबर में थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि बालाकोट मिशन की सफलता के बावजूद आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने अपना आतंकी ढाँचा फिर से तैयार कर लिया है और वहाँ हरकत की खबरें आ रहीं हैं। रावत ने यह बयान तमिलनाडु की राजधानी चेन्नै स्थित ऑफ़िसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में पत्रकारों से बात करते हुए दिया था।
“Inputs indicate that attempts are being made by Pakistan-based terrorists to reactivate their camp in Balakot and restart their religious and Jihadi indoctrination courses against India,” says union minister @kishanreddybjp in Parliamenthttps://t.co/HomIvL63lq
— News Nation (@NewsNationTV) November 27, 2019
लेकिन गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने संसद को आश्वस्त किया कि बालाकोट में आतंक की नर्सरी भले ही फिर से पनपने लगी हो, लेकिन भारत सरकार देश की सीमाओं की सुरक्षा, और देश की एकता और अखंडता तक इसे नहीं पहुँचने देगी। उन्होंने कश्मीर में इन दो सालों में हुई आतंकी घटनाओं की तुलना भी पेश की। साथ ही कहा कि सरकार की आतंक को लेकर ज़ीरो-टॉलरेंस नीति है, और इसके चलते पिछले कुछ सालों में कश्मीर घाटी में भारी संख्या में जिहादी सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए हैं।
14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में वायुसेना ने बालाकोट में कार्रवाई करते हुए आतंकियों के लॉन्च पैड बने ठिकानों को पाने जंगी वायुयानों का निशाना बनाया था। इज़राइली स्पाइस बमों से हुए इस हमले में वायुसेना और मोदी सरकार ने 200-300 जिहादियों को मार गिराने का दावा किया था और इसके पक्ष में सबूत भी पेश किए। वहीं पाकिस्तान एक ओर यह रट लगाए रहा कि भारतीय वायुसेना के आतंकी ठिकानों पर पहुँच पाने के पहले ही पाकिस्तानी F-16 ने उन्हें खदेड़ दिया था, और दूसरी ओर उसने भारत के हमले के दावे वाली जगह को काफ़ी समय तक मीडिया से दूर रखा, और उतने समय के बाद ही उन्हें जाने वहाँ दिया जितना समय शवों के ढेर को समेट कर ठिकाने लगाने के लिए लग सकता है।