अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के शूटर मोस्टवांटेड गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला को पटना पुलिस की मदद से मुंबई पुलिस ने पटना एयरपोर्ट के पास जक्कनपुर थानाक्षेत्र से गिरफ़्तार किया। उसके साथ दो अन्य लोग भी गिरफ़्तार किए गए हैं। गिरफ़्तार करने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम उसे वापस मुंबई ले गई। फ़िलहाल, 21 जनवरी तक वो पुलिस हिरासत में रहेगा। उसके ख़िलाफ़ मुंबई में कुल 27 मामले दर्ज हैं। बताया जाता है की एजाज नेपाल के रास्ते पटना पहुँचा था और तभी पुलिस ने उसे धर दबोचा।
भगोड़े एजाज की गिरफ़्तारी के बाद मुंबई पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर (क्राइम) संतोष रस्तोगी ने बताया, “उसकी बेटी हमारी हिरासत में थी। उसने हमें बहुत सी जानकारी दी। इसके आधार पर हमने पता लगाया तो हमारे सूत्रों ने हमें उसके पटना आने के बारे में बताया। इस सूचना पर हमारी टीम ने काम किया और उसे बिहार के जक्कनपुर थाना क्षेत्र से गिरफ़्तार कर लिया।”
Joint CP Crime, Santosh Rastogi on arrest of gangster Ejaz Lakadwala: His daughter was in our custody. She gave a lot of information to us. Our sources also told us about his arrival in Patna,he was arrested in Jattanpur police station limits https://t.co/KHVuAUwTDv pic.twitter.com/jiHsBznV2Y
— ANI (@ANI) January 9, 2020
एजाज लकड़ावाला महाराष्ट्र पुलिस का मोस्ट वॉन्टेड अपराधी है। किसी ज़माने में वह छोटा राजन गैंग का सदस्य था। लकड़ावाला पर हत्या, हत्या के प्रयास और दंगे के 20 से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, एजाज मई 2003 में कनाडा चला गया था, जब दाऊद के गुर्गे ने उस पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इसके बाद राजन का गिरोह अलग हो गया और एजाज ने अपना ख़ुद का एक गिरोह बना लिया था। मार्च 2019 में, एंटी-एक्सटॉर्शन सेल ने खार स्थित बिल्डर को धमकाने और 50 लाख रुपए लेने के आरोप में एजाज लकड़ावाला (53), एजाज के चचेरे भाई को गिरफ़्तार किया था। एजाज पर इस अपराध के तहत भी मुक़दमा दर्ज किया गया था।
पुलिस से बचने के लिए लकड़ावाला पिछले कई वर्षों से कभी अमेरिका, कभी मलेशिया, कभी ब्रिटेन तो कभी नेपाल में भागता-फिरता रहा। भगोड़े गैंगस्टर की बेटी सोनिया लकड़ावाला उर्फ़ सोनिया शेख को 28 दिसंबर को फ़र्ज़ी पासपोर्ट के साथ गिरफ़्तार किया गया था।
एक अधिकारी ने बताया था कि सोनिया लकड़ावाला देर रात (27 दिसंबर) को नेपाल जाने वाली एक उड़ान में अपनी बेटी के साथ सवार होने वाली थी, तभी पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था। बेटी की हिरासत के बाद यह ख़ुलासा हुआ था कि लकड़ावाला पटना में ही रह रहा था। लेकिन, वो पटना में कहाँ रह रहा था इसका ख़ुलासा फिलहाल पुलिस ने नहीं किया। बेटी की गिरफ़्तारी लकड़ावाला की गिरफ़्तारी का कारण बन गई।
इन सबमें ग़ौर करने वाली बात यह है कि भगोड़ा लकडावाला आख़िर पटना में क्या कर रहा था। इससे पहले भी बिहार में कई अपराधियों और आतंकवादियों की गिरफ़्तारियाँ हो चुकी हुई है। वर्ष 2000 के बाद ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनके तार बिहार से जुड़े नज़र आए।
- वर्ष 2000 में बिहार के सीतामढ़ी ज़िले से आतंकी संगठन हिज़्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकी मक़बूल और जहीर को गिरफ़्तार किया गया।
- वर्ष 2006 में बिहार के मधुबनी ज़िले के बासोपट्टी बाज़ार से मोहम्मद कमाल को मुंबई के लोकल ट्रेन धमाके में उसकी संलिप्तता के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था।
- वर्ष 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में CRPF कैंप पर हुए हमले मामले में बिहार के मधुबनी ज़िले के सकरी के गँधवारी गाँव से सबाऊद्दीन को गिरफ़्ताार किया गया था।
- वर्ष 2009-10 में दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले में मधुबनी के बासोपट्टी के बलकटवा से मदनी को गिरफ़्तार किया गया था।
- वर्ष 2011 में नवंबर के महीने में 26 तारीख़ को दिल्ली पुलिस ने मधुबनी के सिंघानिया चौक व सकरी के दरबार टोला से अफज़ल व गुल अहमद जमाली को गिरफ़्तार किया था।
- वर्ष 2011 में ही दरभंगा ज़िले के केवटी अंतर्गत बाढ़ समैला के कतील सिद्दिकी उर्फ़ साजन को 19 नवंबर को दिल्ली में गिरफ़्तार किया था।
- वर्ष 2012 में 21 फरवरी को साइकिल मिस्त्री कफील अहमद को गिरफ़्तार किया गया था, जिसके बारे में यह पता चला था कि वो इंडियन मुज़ाहिदीन का मेंटर था।
- वर्ष 2013 में 21 जनवरी को दरभंगा के चकजोहरा मोहल्ला से मोहम्मद दानिश अंसारी गिरफ़्तार किया गया। उस पर आतंकी साजिश रचने का आरोप था। वह इंडियन मुज़ाहिदीन के सरगना यासीन भटकल के गुर्गे था।
- 2013 में अगस्त के महीने में इंडियन मुज़ाहिद्दीन के आतंकवादी यासीन भटकल व अब्दुल असगर उर्फ़ हट्टी को बिहार के पूर्वी चंपारण से लगे नेपाल की सीमा से गिरफ़्तार किया गया।
- वर्ष 2019 में अगस्त के महीने में बिहार के गया से कोलकाता एटीएस ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुज़ाहिद्दीन के एक सदस्य को गिरफ़्तार किया गया था। वह पश्चिम बंगाल के वर्दमान विस्फ़ोट का आरोपित था।
इतनी गिरफ़्तारियों से यह सवाल उठने लगा है कि आतंकियों के लिए बिहार सेफ़-ज़ोन तो नहीं बनता जा रहा?