हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दीपावली पर इस बार जबरदस्त खरीदारी हुई है। इस मौके पर 1.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जिसने खरीदारी के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने यह जानकारी दी। CAIT ने उम्मीद जताई है कि आगे भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इसी तरह का सकारात्मक माहौल बना रहेगा।
For #Diwali festival sales, people thronged the markets and helped in generating huge business to the tune of Rs 1.25 lakh crores which is record trade figure in last 10 years on the occasion of Diwali: Confederation of All India Traders (CAIT) pic.twitter.com/EYvMndJNK9
— ANI (@ANI) November 5, 2021
कोरोना संकट के बाद दिवाली पर बाजार में छाई रौनक अर्थव्यवस्था की गति का संकेत है। पिछले साल कोरोना के कारण दिवाली पर बाजार में खामोशी छाई रही थी। हालाँकि, देश में कोरोना का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। CAIT द्वारा दी जानकारी के मुताबिक, पिछले एक दशक में दिवाली के दौरान की गई खरीदारी का का यह उच्चतम स्तर है। CAIT ने कहा है कि इस दिवाली पर देशवासियों ने जमकर खरीदारी की है।
दरअसल, CAIT चीन में बने सामानों को लेकर देशवासियों को समय-समय पर जागरूक करने का काम करते रहा है। इस साल भी संस्था ने यह अभियान चलाया था। CAIT ने कहा कि बीते साल की तरह इस साल भी संगठन ने चीन में निर्मित उत्पादों के बहिष्कार के लिए लोगों से अपील की थी। इसके साथ ही इसने कारोबारियों से भी चीन के सामानों को आयात नहीं करने के लिए कहा था। CAIT का अनुमान है कि इससे चीनी व्यापारियों को तकरीबन 50,000 करोड़ रुपये का कारोबारी नुकसान हुआ है।
इससे पहले CAIT ने अनुमान लगाया था कि दिवाली पर इस साल लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा, जबकि साल के अंत तक उपभोक्ताओं द्वारा खर्च के रूप में करीब 3 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। CAIT ने अपने बयान में कहा कि इस साल दिवाली पर लोगों में नया उत्साह देखने को मिला। बाजारों में उपभोक्ताओं की भीड़ से ऐसा लगा कि लोग इस बार दो साल की खरीदारी एक साथ कर रहे हैं।
वहीं, CAIT के सचिव जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि की संस्था की रिसर्च विंग ने हाल ही में 20 बड़ों शहरों में इस मुहिम को लेकर सर्वे किया था। इस सर्वे में सामने आया कि भारतीय आयातकों ने चीनी निर्यातकों के साथ दिवाली के सामान, पटाखों या दूसरी किसी चीज का भारी-भरकम ऑर्डर नहीं किया। संस्था ने नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नै, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, नागपुर, जयपुर, भुवनेश्वर, अहमदाबाद, राँची, गुवाहाटी, पटना, भोपाल, जम्मू बेंगलुरु, हैदराबाद, मदुरै और पुडुचेरी में यह सर्वे कराया था।