दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाके सीलमपुर से एक 12 साल के लड़के के गैंगरेप का मामला प्रकाश में आया है। घटना 18 सितंबर 2022 की है। पीड़ित लड़के की माँ ने इस संबंध में शिकायत देते हुए बताया कि 4 लड़कों ने उनके 12 साल के बेटे के मलद्वार में रॉड घुसाई और उसे ईंट-डंडों से भी मारा। आरोपितों में तीन उसके दोस्त और एक उसका कजन भाई है।
जी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी संजय कुमार सेन ने कहा कि इस घटना की जानकारी होने पर पुलिस टीम फौरन अस्पताल गई थी, लेकिन परिजनों ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें काउंसर मुहैया करवाया। माँ की काउंसलिंग करते हुए उनसे पूरी घटना के बारे में जानकारी ली गई।
पुलिस ने इस केस को आईपीसी की धारा 377 और 34 में दर्ज किया है। लड़का दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत गंभीर है। लड़के का यौन शोषण करने वाले उसके पड़ोस के दोस्त और उसका एक भाई है। सब एक ही समुदाय के हैं।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान
बताया जा रहा है कि दिल्ली के सीलमपुर में हुई इस घटना को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल द्वारा सामने लाया गया। माँ ने दिल्ली महिला आयोग में शिकायत देते हुए बताया था कि उनके बेटे के साथ 18 सितंबर को यह सब हुआ जिसका पता उन्हें अपने बेटे से 22 सितंबर को चला।
अब महिला आयोग ने इस संबंध में आरोपितों की जानकारी जुटाने के लिए पुलिस से लेटेस्ट एफआईआर माँगी है और ये भी पूछा कि अब तक इस केस में कितने गिरफ्तार हुए हैं।
इस बीच इस पूरे पर नॉर्थ ईस्ट के डीसीपी संजय सेन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि यौन शोषण मामले में पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है और अब तक 2 नाबालिग गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस तीसरे को तलाश कर रही है।
Delhi | In the case of sexual harassment with a minor in the New Seelampur area, the team of Seelampur police station registered an FIR under POCSO Act and other sections and arrested 2 minors. Search for the third accused minor is underway:DCP North East, Sanjay Sain
— ANI (@ANI) September 26, 2022
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दंगों से लेकर काँवड़ियों पर फेंकने के लिए चर्चा में आया सीलमपुर
बता दें कि दिल्ली का सीलमपुर इलाका उन्हीं इलाकों में से एक है जहाँ साल 2020 में दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों को अंजाम दिया गया था। दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी वहीं 400 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
दिल्ली दंगों के बाद ये इलाका कुछ दिन पहले फिर चर्चा में आया था जब सावन महीने की शुरुआत हुई थी। उस समय एक काँवड़िया काँवड़ लेकर सीलमपुर इलाके से गुजर रहा था लेकिन तभी उसकी काँवड़ के ऊपर मांस फेंक दिया गया। इस घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया था। हिंदुओं का कहना था कि ये हरकत जान बूझकर हुई है। हर राज्य में उनका फूलों से स्वागत हुआ लेकिन दिल्ली में इस हरकत के बाद उनकी काँवड़ खंडित हो गई।