उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे भी मिशनरी व कांवेंट स्कूलों के छात्रों की तरह फर्राटेदार अंग्रेजी बोल सकें। इसके लिए राज्य के 15 हजार स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम बनाया गया है, जहाँ पढ़ कर बच्चे मिशनरी स्कूल के छात्रों को चुनौती दे रहे हैं।
प्रदेश में डेढ़ लाख से अधिक सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें करीब 1.83 करोड़ छात्र-छात्राएँ पढ़ रहे हैं। योगी सरकार ने स्कूलों में बेहतर पढ़ाई का महौल बनाने के लिए करीब 1.39 लाख विद्यालयों का ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के जरिए जीर्णोदार किया है। इसके अलावा प्रदेश के 15 हजार स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम बनाया गया है। इनमें 10 हजार प्राथमिक व पाँच हजार उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाया जा रहा है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार ने पिछले चार सालों में सबसे अधिक बदलाव प्राथमिक शिक्षा में किया है। छात्रों को बेहतर पढ़ाई के साथ हर तरह की सहूलियत देने के लिए सरकार हर तरह के ठोस कदम उठा रही है। छात्रों को निःशुल्क किताबों के साथ-साथ ड्रेस, बैग, जूता-मोजा और जाड़ों में ठंड से बचने के लिए स्वेटर दिया जाता है।
मिशनरी स्कूलों को दे रहे हैं टक्कर
निदेशक बेसिक शिक्षा सर्वेन्द्र विक्रम सिंह बताते हैं कि राज्य सरकार के निर्देश पर प्रदेश के हर ब्लाक में दो से तीन स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम की तर्ज पर डेवलप किया गया है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का कोर्स भी इंगलिश मीडियम का होता है। सरकार का मकसद है कि प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे भी मिशनरी स्कूलों के छात्रों की तरह अंग्रेजी में बात कर सकें। इसके परिणाम भी अब सामने आने लगे हैं।
शिक्षकों की लगन के बाद प्रदेश के प्राथमिक अंग्रेजी मीडियम के छात्र फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे हैं। निदेशक बेसिक शिक्षा का कहना है कि प्रदेश के 15 हजार प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी मीडियम स्कूल में विकसित किया गया है। शिक्षकों की कड़ी मेहनत के चलते यहाँ के छात्र निजी स्कूलों के छात्रों का टक्कर दे रहे हैं। अकेले लखनऊ में करीब 60 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी मीडियम में डेवलप किया गया है।
अंग्रेजी में बात करते हैं बच्चे
बाराबंकी के प्राथमिक विद्यालय हीरपुर की शिक्षिका इंचार्ज वंदना श्रीवास्तव बताती हैं कि उनके स्कूल की गिनती ब्लाक के सबसे बेहतर स्कूलों में होती है। इसके लिए उनको सरकार की ओर से सम्मान भी मिल चुका है। यहाँ पर बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास, खूबसूरत कक्षाएँ और लाइब्रेरी मौजूद है। सबसे खास बात ये है कि स्कूल के बच्चे अब अंग्रेजी में बात करते हैं।