मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घर वापसी करने वाले परिवार दिल्ली में रहते हैं। इन सभी ने अपना मूल स्थान पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद बताया है। 1947 के बँटवारे में ये परिवार भारत में आकर बस गए थे। यहाँ उन्होंने दिल्ली को अपना ठिकाना बनाया था। इन परिवारों को इतना याद था कि उनके पूर्वज हिन्दू थे जिन्होंने मुगलों के अत्याचारों से तंग आकर इस्लाम कबूल कर लिया था।
लगभग 4 साल पहले इन परिवारों ने हिन्दू धर्म में घर वापसी का मन बनाया। तब इनको अपने समुदाय में काफी विरोध झेलना पड़ा जिससे इन सभी ने अपना कार्यक्रम फ़िलहाल के लिए टाल दिया था। हालाँकि अंदर ही अंदर ये सभी घर वापसी की कोशिशों में लगे रहे। इसी बीच इनके परिवार में एक वृद्ध का देहांत हो गया। बुधवार (11 दिसंबर) को तमाम परिजन वृद्ध का अंतिम संस्कार करने हापुड़ के बृजघाट गए। यहाँ सभी ने हिन्दू विधि-विधान से मृतक का अंतिम संस्कार किया।
अंतिम संस्कार के बाद मृतक की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया गया। यहीं सभी ने जीवन में पहले बार गंगा स्नान किया। इस्लाम त्यागकर घर वापसी करने वाले मुस्लिमों के मुखिया सलमान खान थे जो अब संसार सिंह नाम से जाने जाएँगे। इन्होंने अन्य 149 लोगों के साथ मिल कर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की और गौरीशंकर गोत्र अपनाया। इन सभी ने भविष्य में सभी हिन्दू पर्व और त्योहारों को मनाने और व्रत आदि रखने का संकल्प लिया।
घर वापसी करने वाले सभी 150 सदस्यों ने तय किया है कि वो बृजघाट के एक पुरोहित के यहाँ अपनी वंशावली दर्ज करवाएँगे। सनातन अपनाने पर खुद को बेहद खुश बताते हुए सभी सदस्यों ने इसे किसी सपने के साकार जैसा बताया है। इसमें पुरुष, महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं जिसमें से कुछ के नाम संजू, सतीश, बलवान, राजेश, संजय और शशि आदि रखे गए हैं। पूर्व के सलमान व वर्तमान में संसार सिंह ने बताया कि वो मुस्लिमों की धोबी जाति से आते थे। इन सभी ने अब भारत में हिन्दुओं के हित सुरक्षित बताए हैं।