कॉन्ग्रेस शासित पंजाब के मनसा से एक दिल दहला देने वाली खबर आई है। जानकारी के अनुसार शनिवार (नवंबर 23, 2019) को तीन युवकों ने एक 16 साल के किशोर को खँभे में बाँधकर जिंदा जला दिया। दोनों पक्ष दलित समुदाय के बताए जा रहे हैं। पुलिस ने मृतक बच्चे का शव रविवार (नवंबर 24, 2019) को बरामद कर लिया।
मनसा नगर पुलिस थाने के एसएचओ सुखजीत सिंह ने बताया कि जसप्रीत सिंह (मृतक) को पहले खँंभे से बाँधा गया और फिर पेट्रोल छिड़क कर उसे आग लगा दी गई। उसकी मौक़े पर ही मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनकी पहचान जश्न सिंह, गुरजीत सिंह और राजू सिंह के रूप में हुई है।
Punjab: 16-yr-old tied to a pillar, burnt alive in Mansahttps://t.co/MYwHcGzYhX
— The Indian Express (@IndianExpress) November 24, 2019
एचएचओ सुखजीत के अनुसार, जसप्रीत के बड़े भाई, कुलविंदर सिंह ने करीब ढाई साल पहले जश्न सिंह की बहन को भगाकर उससे शादी कर ली थी और फिर दोनों शहर से 30 किमी दूर बुधलाढा में बस गए थे। इस घटना के बाद दोनों लोग एक बार भी अपने परिवारजनों से मिलने के लिए वापस नहीं लौटे। अब उनका एक साल का बेटा भी है। कथित तौर पर इस संबंध को लेकर जश्न और उसके परिवारवालों को जसप्रीत चिढ़ाता था। वह कहता था कि कुलविंदर जल्द घर लौटेगा और उनके साथ ही रहेगा। जिससे लड़की के घरवाले बहुत तंग हो गए थे।
दरअसल, जश्न के परिवार वालों के मुताबिक वे इस शादी से खुश नहीं थे और वे नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी दोबारा इस इलाके में लौटे। लेकिन जसप्रीत के लगातार चिढ़ाने से वो परेशान हो गए और इस घटना को अंजाम दिया।
मृतक के पिता के अनुसार शुक्रवार (नवंबर 22, 2019) की रात जश्न और उसके रिश्ते का भाई गुरजीत, अपने दोस्त राजू के साथ उनके घर आए और जसप्रीत को साथ ले गए। जब बहुत देर बाद भी उनका बेटा घर नहीं लौटा तो उन्होंने पुलिस थाने में मामले की रिपोर्ट लिखवाई। पुलिस ने लड़के की खोजबीन शुरू की और रविवार को उसका शव बरामद किया।
बता दें इस मामले पर पंजाब राज्य के अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष तेजिंदर कौर ने संज्ञान लेने से मना किया है। उन्होंने कहा है कि उनका आयोग दलित बनाम अन्य जाति वाले मामलों पर काम करता है, न कि दलित बनाम दलित। लेकिन इस घटना को बर्बर बताते हुए उन्होंने आरोपितों के लिए कानून के अनुसार सजा दी जाने की माँग की है। इसके अलावा जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष मुकेश मालौद ने भी कहा है कि वे केवल अपराध और भेदभाव (स्वर्ण बनाम दलित) से जुड़े मामलों में कदम उठाते हैं। लेकिन ये मानते है कि ये एक शर्मनाक घटना है और इसके लिए आरोपितों को अवश्य ही सजा मिलनी चाहिए।