केंद्र की मोदी सरकार ने जब से लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने के लिए विधेयक पारित किया है, तभी से देश के कई मुस्लिम परिवारों में खलबली मच गई है। नतीजन खबर है कि मेवात और हैदराबाद के बाद तेलंगाना, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात समेत तमाम राज्यों में 18 से 20 साल की लड़कियों की हड़बड़ी में शादी की गई। अब इनमें कुछ परिवारों के हालात आर्थिक तौर पर मजबूत भी नहीं थे, बावजूद इसके उन्होंने निकाह कर डाला और अब कुछ समय बाद लड़कियों की विदाईं देंगे।
इसी संबंध में न्यूज 18 ने मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों से बात की। इसमें समीउल्लाह खान जो मेरठ निवासी हैं, उन्होंने बताया कि उनकी छोटी बेटी का निकाह मई 2022 में ईद के बाद होना था। लेकिन फिर खबर आ गई कि विधेयक पारित हुआ है जो लागू हुआ तो हर समुदाय पर होगा।
मध्यप्रदेश के भोपाल का अब्दुल जब्बर जिसका निकाह हाल ही में हुआ है उसने कहा कि उसका निकाह 15 जून को होना था लेकिन हड़बड़ी में 29 दिसंबर 2021 को ही हो गया क्योंकि कुछ लोगों को विधेयक के बारे में पता लग गया था।
हैदराबाद के तेलंगाना में नई दुल्हन दिलशाद बेगम ने कहा कि उसकी शादी मोहम्मद अयान से 9 अप्रैल 2022 को होनी थी क्योंकि उसके अब्बा मार्च के अंतिम हफ्ते में कतर से आने वाले थे। लेकिन दूल्हे की तरफ के कुछ लोगों ने आने वाले नए कानून के बारे में बताया और अम्मी ने निकाह 31 दिसंबर 2021 को ही कर डाला।
वहीं दिलशाद की अम्मी निशत समरीन ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी का निकाह जल्दी करने के चक्कर में गहने कपड़े कुछ नहीं खरीदे, क्योंकि उनपर पैसे नहीं थे। उन्होंने दिलशाद की विदाई भी नहीं करवाई। जब उनके शौहर कतर से वापसी आएँगे तो विदाई करवाई जाएगी।
देश के विभिन्न राज्यों में हड़बड़ी में होने वाले निकाह देखने के बाद तहरीक ए मुस्लिम शबन के अध्यक्ष मुहम्मद मुश्ताक मलिक ने बताया कि हैदराबाद में दिसंबर 2021 में कई निकाह हुए और मुस्लिमों को निकाह की तारीख बदलने के कारण आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा। मलिक ने मुस्लिमों से अपील की कि बेटियों का निकाह जिस समय पर तय है उसी समय पर करें। उन्होंने लड़कियों की शादी की उम्र को 21 करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मलिक ने कहा कि उनके समुदाय के अलावा भी हर धर्म में हड़बड़ी मची हुई है।
बता दें कि इससे पहले हरियाणा के मेवात से हड़बड़ी में शादियों की ऐसी ही खबर सामने आई थी। यहाँ के मुस्लिम बहुल वाले नूँह क्षेत्र में लोग ऐसे लड़कों की तलाश में थे, जो 2 दिन में निकाह करने के लिए तैयार हो जाएँ। इमामों के पास दूल्हा बताने की इतनी माँग बढ़ गई थी कि इस संबंध में अजान के समय घोषणा भी होती सुनी गई। नूँह जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष साजिद इस कानून को लेकर कहा था, “हम इस पर आपत्ति जताते हैं। ये उनके लिए ठीक है जो पढ़ी लिखी हैं और जीवन में कोई उद्देश्य रखती हैं, लेकिन जिनका कोई उद्देश्य नहीं है, वह अनपढ़ हैं, उन्हें उनके माता-पिता शादी न होने पर भार समझते हैं।“