झारखण्ड के गुमला में कई परिवारों ने स्वेच्छा से अपनी ‘घर वापसी’ करवाई। इन सभी लोगों ने सरना धर्म छोड़ कर ईसाई धर्म को अपना लिया था। सरना सम्प्रदाय से आने वाले इन आदिवासी परिवारों ने प्रलोभन में फँस कर अपना धर्म छोड़ कर ईसाई धर्म को अपना लिया था, लेकिन अब ये पुनः अपने पुराने धर्म में लौट आए हैं। इस पूरी प्रक्रिया में हिन्दू जागरण मंच ने अहम भूमिका निभाई। प्रभात ख़बर में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, गुमला जिला के भरनो प्रखंड स्थित मसिया महुआटोली गाँव के 10 परिवारों ने ग़रीबी के कारण ईसाई धर्म को अपना लिया था, ग्राम प्रधान ने इन सभी के पाँव धो कर इन्हें इनके धर्म में वापसी करवाई।
बुधवार (जून 12, 2019) को ‘घर वापसी’ की प्रक्रिया पूरी की गई। हिन्दू जागरण मंच ने इस प्रक्रिया को पूरी करने से पहले ग्राम प्रधान, पंचायत के जनप्रतिनिधियों, बुजुर्गों व युवाओं की सलाह ली। सभी से सलाह-मशविरा करने के बाद ही यह कार्य किया गया। सभी की देखरेख में गाँव में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहाँ पर ये कार्य किए गए। इस मौके पर वक्ताओं ने लोगों को समझाते हुए कहा कि धर्म बदलना महापाप है। धर्म परिवर्तन कराने वाले अधिकतर लोग बीमारी से पीड़ित थे और उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी।
@dasraghubar @MundaArjun आज 12/619 दिन बुधवार को गुमला जिला भरनो प्रखंड के मसिया महुवाटोली में सरना धर्म छोड़ कर ईसाई धर्म अपनाने वाले सभी दस परिवार को समझ बुझा के फिर से घर वापसी कराया गया
— राहुल केशरी देश प्रेमी (@RAHULBBJP) June 12, 2019
मंत्री जी आप से विनती हैं कि जल्द से जल्द कोई कानून बने जिससे धर्म परिवर्तन रुक सके pic.twitter.com/hI8TNETDE9
आदिवासी सरना विकास समिति और झारखंड जनजातीय सुरक्षा मंच ने भी इस पूरी प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई। देवी मंडप में पूजा करा कर और प्रक्रिया में शामिल लोगों को अंगवस्त्र दे कर उनका ‘शुद्धिकरण’ किया गया, इसके बाद ‘घर वापसी’ कराई गई। दैनिक जागरण में प्रकाशित एक ख़बर के अनुसार, धर्म में वापसी करने वाले परिवार के सदस्यों ने धर्म परिवर्तन करने का कारण बताते हुए कहा कि उनके परिवारों में मिरगी, यक्ष्मा, गठिया आदि बीमारियों से आक्रांत लोग हैं। वे लोग करीब एक दशक से इन बीमारियों से पीड़ित हैं।
उन लोगों ने बताया कि चर्च के पादरियों ने उन्हें बहलाया-फुसलाया और धर्म परिवर्तन कराने को कहा। पादरियों ने कई अन्य प्रकार के प्रलोभन देते हुए बीमारी ठीक कर देने का भी आश्वासन दिया। पादरियों ने उन्हें बताया कि ईसाई चंगाई सभा में जाने से ऐसी बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं। जब हिन्दू जागरण मंच के लोगों को यह बात पता चली तो उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को समझाना शुरू किया। इसके बाद इन लोगों की ‘घर वापसी’ हो सकी।