ड्रग्स के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत पंजाब पुलिस की स्पेशल टास्क फ़ोर्स (एसटीएफ़) ने 34 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की है। इस ड्रग्स की कीमत अन्तरराष्ट्रीय बाज़ार में लगभग 200 करोड़ रूपए है। इसके अलावा, एसटीएफ़ ने इस मामले के तहत लुधियाना में तस्करों (स्मगलर्स) को भी गिरफ्तार किया है।
जब्त की गई ड्रग्स में 28 किलो हेरोइन है और 6 किलो आइस ड्रग्स है। इतनी हेरोइन की कीमत 140 करोड़ रूपए बताई जा रही है। एसटीएफ़ के अधिकारिओं के अनुसार, मामले के आरोपित पूरे देश में ड्रग्स का वितरण (सप्लाई) कर रहे थे और इनके संबंध अंतरराष्ट्रीय तस्करों से भी थे। गिरफ्तार किए गए आरोपितों की पहचान 30 वर्षीय मंजीत सिंह मन्ना (नया भगवान नगर, जोधवाल), 20 वर्षीय विशाल (बटाला, गुरदासपुर) और 40 वर्षीय अँगरेज़ सिंह (पटियाला) के रूप में हुई है।
‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले के कुछ अन्य आरोपितों की भी पहचान हुई है, जिसमें राजन शर्मा, हैप्पी रंधावा हरमिंदर सिंह, सनी और तनवीर बेदी शामिल हैं। एसटीएफ़ आईजी आरके जायसवाल के मुताबिक़ उन्हें सूत्रों से जानकारी मिली, जिसके बाद सोमवार की शाम उन्होंने साहनेवाल के पास मंजीत मन्ना को गिरफ्तार किया जब वह अपनी एसयूवी में घूम रहा था। खोजबीन के दौरान अधिकारियों ने गाड़ी के बूट स्पेस में बने खुफ़िया कम्पार्टमेंट में बनाई गई जगह के भीतर 18 किलो हेरोइन और 6 किलो आइस ड्रग्स बरामद की। पूछताछ के दौरान मंजीत ने अपने अन्य साथियों के बारे में पूरी जानकारी दी।
मंजीत द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर एसटीएफ़ ने छापा मार कर विशाल और अँगरेज़ को फगवाड़ा बंगा रोड स्थित बेहरम प्लाज़ा से गिरफ्तार किया। 3 नवंबर को हुई इस छापेमारी में उनके पास से लगभग 10 किलो हेरोइन बरामद हुई थी। विशाल और अँगरेज़ सिंह ने अपनी गाड़ी के बूट स्पेस और दरवाजों में ड्रग्स छिपा रखी थी। आरोपित ड्रग्स श्रीनगर, जम्मू कश्मीर से लेकर आए थे जिसे वह पंजाब समेत कई अन्य राज्यों में बेचने वाले थे।
अधिकारियों ने इस बात का दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए आरोपित तस्वीरों ने अंतरराष्ट्रीय तस्करों से संबंध होने की बात कही। अँगरेज़ सिंह लुधियाना के किताब बाज़ार की कार पार्किंग में काम करता था। फ़िलहाल इन आरोपितों को 8 नवंबर तक की हिरासत में भेज दिया गया है। पंजाब में पिछले 4 सालों में लगभग 13 बार आइस ड्रग्स पकड़ी गई है लेकिन इस कार्रवाई को अब तक की बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।