बिहार के मधुबनी की जिला अदालत ने मंगलवार (21 मई 2024) को एक नाबालिग हिन्दू लड़की से गैंगरेप करने के 4 आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा पाए दोषियों के नाम मोहम्मद जफर अंसारी, मोहम्मद जिबरील, मोहम्मद अहमद और अख्तर अंसारी हैं। इन सभी पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना मधुबनी के थाना क्षेत्र हरलाखी की है। 5 सितंबर 2022 को 16 वर्षीया पीड़िता अपने भाई के साथ कसेरा गाँव में मेला देखने गई थी। कुछ देर बाद पीड़िता शौच के लिए मेला स्थल के पास बने एक स्कूल में गई। आरोप है कि इसी दौरान वहाँ मोहम्मद जफर अंसारी, मोहम्मद जिबरील, मोहम्मद अहमद और अख्तर अंसारी पहुँच गए।
ये सभी आरोपित लड़की को पकड़कर स्कूल की छत पर ले गए। यहाँ इन सभी ने बारी-बारी पीड़िता से गैंगरेप किया। गैंगरेप के दौरान पीड़िता ने शोर मचाया तो आसपास के लोग जमा हुए। खुद को घिरता देखकर चारों आरोपित भागने लगे। लोगों ने दौड़ा कर जफर अंसारी को दबोच लिया था। जफर को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पूछताछ में उसने बताया कि इस करतूत में मोहम्मद जिबरील, मोहम्मद अहमद और अख्तर अंसारी भी शामिल हैं। पुलिस ने दबिश देकर तीनों आरोपितों को बारी-बारी से पकड़ लिया था। अगले दिन 6 सितंबर 2022 को पीड़िता की माँ ने थाने में तहरीर दी तो पुलिस ने FIR दर्ज करके जाँच शुरू कर दी। यह FIR IPC की धारा 376 (D) के साथ पॉक्सो एक्ट में दर्ज हुआ था।
मामले की सुनवाई मधुबनी के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंबर 7 देवेश कुमार की अदालत में हुई। बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष ने अपने-अपने तर्क दिए। अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूतों को पर्याप्त माना और मोहम्मद जफर अंसारी, मोहम्मद जिबरील, मोहम्मद अहमद और अख्तर अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
पीड़िता की बड़ी बहन से भी हुआ था गैंगरेप
ऑपइंडिया से बात करते हुए पीड़िता के वकील ने बताया कि अदालत ने अपनी टिप्पणी में इन सभी मुल्जिमों को अंतिम साँस तक जेल में रखने का हुक्म सुनाया है। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल चले केस के ट्रायल में मुल्जिमों के कई वकील बदले। हालाँकि इसका उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ।
कोर्ट ने इस मामले में बिहार सरकार को पाँच लाख रुपए मुआवजा देने को कहा है। अधिवक्ता अजय झा यश ने आगे बताया कि पीड़िता की बड़ी बहन के साथ भी गैंगरेप की घटना हुई थी। इस केस में भी ADJ 7 की कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। बड़ी बहन के मामले में सजा पर 1 जून 2024 को बहस होनी है।