Tuesday, November 5, 2024
Homeदेश-समाजमंदिर में भंडारा खाने गई थी 4 साल की दिव्यांग हिन्दू बच्ची, समीर ने...

मंदिर में भंडारा खाने गई थी 4 साल की दिव्यांग हिन्दू बच्ची, समीर ने बनाया हवस का शिकार: रेप के बाद खेत में अधमरा छोड़ा, कुकर्म में दूसरी बार गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के गंगोह जिले में एक नाबालिग हिन्दू बच्ची से रेप का मामला सामने आया है। बच्ची की उम्र 4 साल है जिसका साजिद के बेटे समीर ने गन्ने के खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। आरोपित ने पीड़िता को अधमरी हालत में छोड़ा था। बच्ची गाँव में एक मंदिर के भंडारे में प्रसाद खाने गई थी। पीड़िता दिव्यांग है जो बोल नहीं पाती। साजिद को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। घटना रविवार (12 मई 2024) शाम की है। साजिद पर पहले भी नाबालिग बच्चे से कुकर्म की FIR दर्ज है। वह 3 महीने पहले ही जमानत पर छूट कर जेल से बाहर आया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना सहारनपुर जिले के थानाक्षेत्र गंगोह की है। यहाँ रविवार को एक गाँव के मंदिर में भंडारा चल रहा था। गाँव के तमाम लोग मंदिर में प्रसाद खाने पहुँचे थे। इन्हीं लोगों में एक 4 साल की हिन्दू बच्ची भी थी। साजिद ने भंडारे से बच्ची का अपहरण किया और उसे गन्ने के खेत में ले गया। खेत में समीर ने बच्चे से रेप किया। बच्ची की तबियत काफी बिगड़ गई, जिससे वो अचेत हो गई। पीड़िता को मरा समझ कर समीर वहाँ से भाग निकला।

इस बीच बच्ची को आसपास न पाकर परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। तलाशी के दौरान बच्ची गंभीर अवस्था में खेत में मिली। आनन-फानन में पीड़िता को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मामला अलग-अलग समुदाय का होने की वजह से गाँव में पुलिस के तमाम सीनियर अधिकारी पहुँच गए। कुछ ही देर में समीर को खोज निकाला गया। पूछताछ में समीर ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने 13 मई (सोमवार) को समीर को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया। उस पर IPC की धारा 363 और 376 के साथ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। पीड़िता की काउंसिलिंग और इलाज जारी है।

दिव्यांग है पीड़िता, पिता कर रहे थे साधुओं की सेवा

जिस बच्ची को समीर ने अपनी हवस का शिकार बनाया है वो दिव्यांग है। पीड़िता के पिता के मुताबिक वह बोल नहीं पाती। घटना के समय बच्ची के पिता मंदिर में मौजूद साधुओं को भोजन बाँट रहे थे। जब साजिद पीड़िता को अपने साथ अपहरण करके ले जा रहा था तब रास्ते में कुछ लोगों ने उसे टोंका भी था। इस पर उसने जवाब दिया था कि बच्ची को नींद आ रही है और वो सुलाने के लिए उसके घर छोड़ने जा रहा। चश्मदीदों ने समीर के इस झूठ पर यकीन कर लिया था।

पहले भी नाबालिग बच्चे से कर चुका है कुकर्म

जब सहारनपुर पुलिस ने आरोपित समीर का इतिहास खंगाला तो उस पर पहले से ही एक नाबालिग बच्चे से कुकर्म का केस दर्ज पाया गया। यह कुकर्म उसने 15 दिसंबर 2021 को अपने ही गाँव के एक 5 वर्षीय बच्चे से किया था। तब वह नाबालिग बच्चे को बहला-फुसला कर खंडहर में ले गया था, जहाँ उसने बच्चे से कुकर्म किया। बच्चे की चीखें सुन कर आसपास के लोग जमा हुए थे। खुद को घिरता देख कर तब समीर बच्चे के सिर पर ईंट मार कर भाग निकला था। नाबालिग को अगले दिन होश आया था।

तौबा करके जीता था ग्रामीणों का भरोसा

नाबालिग से कुकर्म के आरोपित समीर को तब पुलिस ने IPC की धारा 323, 377 और 506 के अलावा पॉक्सो एक्ट में जेल भेजा था। ऑपइंडिया के पास शिकायत कॉपी मौजूद है। लगभग 2 साल जेल में रहकर समीर 3 महीने पहले ही जमानत पर बाहर आया था। बताया जा रहा है कि जेल से निकलने के बाद समीर ने तौबा किया था और ग्रामीणों को भविष्य में ठीक से रहने का भरोसा दिया था। कुछ दिन वह गाँव में शराफत का चोला ओढ़ कर भी रहा था। हालाँकि महज 3 महीने के अंदर ही समीर ने एक बार फिर से अपना विकृत रूप दिखा दिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हर निजी संपत्ति ‘सामुदायिक संसाधन’ नहीं, सरकार भी नहीं ले सकती: प्राइवेट प्रॉपर्टी पर सुप्रीम कोर्ट ने खींची नई लक्ष्मण रेखा, जानिए अनुच्छेद 39(B)...

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39(B) के तहत सभी निजी संपत्तियों को 'सामुदायिक संसाधन' नहीं माना जा सकता।

सीरियल ब्लास्ट की साजिश, कोल्लम कलेक्ट्रेट में खड़ी जीप को टिफिन बम से उड़ाया… अब्बास, करीम और दाऊद को केरल की अदालत ने ठहराया...

केरल के कोल्लम में 2016 में हुए एक आईईडी ब्लास्ट में तीन लोग दोषी ठहराए गए हैं। इनके नाम हैं अब्बास अली, शमसून करीम राजा और दाऊद सुलेमान।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -