कर्नाटक के पदरायणपुरा इलाके में पिछले हफ्ते स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वाले आरोपितों में से 5 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ये 5 उन 126 लोगों की सूची में से हैं जिन्हें स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला लेने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। इनके साथ पकड़े गए अन्य 119 को फिलहाल जेल में रखा गया है। लॉकडाउन में ढील के बीच कर्नाटक में कोरोना के 18 नए मामले सामने आए हैं। इस प्रकार राज्य में कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद अब मरीजों की संख्या बढ़कर 463 हो गई।
ये नए मरीज गुरुवार शाम से शुक्रवार दोपहर के बीच सामने आए हैं और इनमें एक महिला तथा दो बच्चे शामिल हैं। गौरतलब है कि दोपहर में जारी एक बुलेटिन के अनुसार कुल 463 मामलों में राज्य में हुई 18 मौतें और 150 वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें इलाज के बाद राहत दे दी गई। नए मामलों में 11 लोग तो बेंगलुरु शहर के ही हैं।
Padrayanpur, Bangalore-
— Shash (@pokershash) April 24, 2020
4 days back, peacefool rioters had opened attack on BBMP workers. 5 out of these rioters have been tested positive now. Another 119 sent to jail. https://t.co/avr7yR4IvT
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते 19 अप्रैल को कर्नाटक में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बीबीएमपी अधिकारियों की एक टीम पर 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने हमला किया था। ये घटना कोरोना वायरस हॉटस्पॉट पदरायणपुरा इलाके में घटी थी। जिसकी पड़ताल में पुलिस ने पहले 59 लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में अन्य लोग भी पकड़े गए थे। इस मामले में एक फिरोजा नाम की महिला को भी हिरासत में लिया गया था। जिसपर भीड़ को उकसाने का इल्जाम लगा था।
इस पूरी घटना का एक वीडियो सामने भी आया था, जिसमें देखा जा सकता है कि लोग स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसवालों पर हमला कर रहे हैं। जिसमें से अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग थे। जाँच में मालूम हुआ था कि पदरायणपुरा में हिंसा पूर्व नियोजित थी।
यहाँ भीड़ ने 4 टीमों में बँट कर इस वारदात को अंजाम दिया। पहली टीम को मुख्य सड़क पर हिंसा करते हुए देखा गया, जबकि दूसरी टीम चेक पोस्ट पर बर्बरता कर रही थी, वहीं तीसरी टीम पुलिसकर्मियों पर पथराव कर रही थी और चौथी टीम सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचा रही थी।
जानकारी के लिए बता दें बंगलुरू में आशा वर्कर और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की ये पहली घटना नहीं थी। इससे पहले बेंगलुरु के सादिक मोहल्ले में कोरोना संक्रमण के लक्षणों के बाबत जाँच पड़ताल करने और नमूने लेने के लिए गई नर्स और आशा कार्यकर्ता पर मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया गया था था।