Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजनिर्वासन में जी रहे कश्मीरी पंडितों के 86% वोट भाजपा को मिले

निर्वासन में जी रहे कश्मीरी पंडितों के 86% वोट भाजपा को मिले

अनंतनाग में भाजपा प्रत्याशी को मिले वोट में राज्य से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों का बहुत बड़ा योगदान है। यहाँ भाजपा प्रत्याशी को मिले 10,225 वोटों में से 7,251 वोट कश्मीरी पंडितों ने दिए। इसी प्रकार श्रीनगर में भाजपा को कुल 4,631 वोट मिले जिसमें से 2,584 वोट कश्मीरी पंडितों के हैं।

सन 1996 में एक विशेष प्रावधान के तहत 1989-90 के बाद से राज्य के बाहर निर्वासन में जीवन जी रहे कश्मीरी पंडितों को अपने मूल लोकसभा क्षेत्रों के लिए मतदान करने का अधिकार दिया गया था। इस अधिकार का प्रयोग करते हुए 2019 के लोकसभा निर्वाचन में करीब 13,537 कश्मीरी पंडितों ने मतदान किया। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इन 13,537 लोगों में से 11,648 (86%) वोट भाजपा को मिले।

खास बात ये हैं कि घाटी की 2 सीटों (अनंतनाग और श्रीनगर) पर भाजपा प्रत्याशियों को ये वोट मिले हैं। आँकड़ों पर यदि गौर करें तो ज्ञात होगा कि अनंतनाग में भाजपा प्रत्याशी को मिले वोट में राज्य से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों का बहुत बड़ा योगदान है। यहाँ भाजपा प्रत्याशी को मिले 10,225 वोटों में से 7,251 वोट कश्मीरी पंडितों ने दिए हैं। इसी प्रकार श्रीनगर में भाजपा प्रत्याशी को कुल 4,631 वोट मिले जिसमें से 2,584 वोट कश्मीरी पंडितों ने दिए। बारामूला इलाके में इसका अनुपात केवल 23 फीसद रहा।

गौरतलब है 1980 के दशक में आखिर में उग्रवाद के कारण घाटी के कई क्षेत्रों में कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा था। इसके बाद मतदान तो दूर की बात उनका अपने घर को देखना भी मुश्किल हो गया था। ऐसे में 1996 में प्रावधान को लागू किया था ताकि राज्य से बाहर रह रहे नागरिकों के लिए मताधिकार का प्रयोग करना संभव हो पाए। निर्वाचन आयोग ने भी इस प्रावधान के तहत कश्मीरी पंडितों के वोट देने की प्रक्रिया को समय के साथ और भी अधिक सुविधाजनक बनाया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -