पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में रविवार (18 फरवरी 2024) को एक 10 वर्षीय मासूम की उसके ही घर में निर्ममता से हत्या कर दी गई। मृतक श्रेयांशु शर्मा को चाकू घोंपे गए थे और सिर पर किसी बड़ी चीज से वार किया गया था। इतना ही नहीं, बच्चे के हाथों की नसें भी काट दी गई थी। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए मंगलवार (20 फरवरी 2024) को मृतक की माँ सहित 2 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया।
मृतक श्रेयांशु की माँ शांता शर्मा उर्फ गुड्डी का इशरत परवीन नाम की एक महिला महिला के साथ समलैंगिक यानी लेस्बियन संबंध थे। श्रेयांशु ने अपनी माँ को इशरत के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। इसके बाद दोनों का डर सताने लगा कि यह बात वह किसी और को ना बता दे। बदनामी से बचने के लिए शांता ने अपनी पार्टनर इशरत परवीन के साथ मिलकर अपने बेटे की हत्या कर दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला हुगली जिले के कौननगर क्षेत्र का है। यहाँ 18 फरवरी को 10 साल के मासूम श्रेयांशु की उनके ही घर में लाश मिली थी। हत्या से पहले टीवी की आवाज बढ़ा दी गई थी और पालतू कुत्ते को बाँध कर उसके मुँह को बंद कर दिया गया था। कक्षा 4 में पढ़ने वाले श्रेयांशु के दोनों हाथों की नसों को काट दिया गया था और सिर पर गणेश जी की मूर्ति से वार कर दिया था।
हत्या के लिए सब्ज़ी काटने वाली छुरी का प्रयोग किया गया था। श्रेयांशु के पिता पंकज शर्मा ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई थी। पंकज कोलकाता के एक निजी कंपनी में काम करते थे। वहीं, शांता एक कॉस्मेटिक की दुकान पर काम करती थी। इशरत परवीन और शांता शादी के पहले से सहेली थी। शादी के पहले से ही दोनों के समलैंगिक संबंध थे।
शांता की शादी 2012 में पंकज शर्मा हुई थी। वहीं, इशरत परवीन की शादी 2018 में हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही इशरत परवीन ने अपने पति का घर छोड़ दिया। इधर शांता के भी अपने पति से अच्छे रिश्ते नहीं थे। पंकज अपने घर से दूर कोलकाता में रहकर नौकरी किया करते थे। इस बीच शांता और इशरत के रिश्ते बदस्तूर जारी रहे। शादी के बाद भी दोनों अक्सर मिला करते थे।
पुलिस ने जब इस मामले की जाँच शुरू की तो शांता के घर एक टेढ़ा-मेढ़ा चाकू बरामद हुआ। इसी से श्रेयांशु के शरीर पर अनगिनत वार किए गए थे। पंकज ने पुलिस से बताया कि उनका किसी के साथ कोई झगड़ा या दुश्मनी नहीं थी। हालाँकि, श्रेयांशु का कुछ दिन पहले एक सीनियर छात्र से झगड़ा हुआ था, लेकिन पुलिस यह बात गले नहीं उतरी कि मामूली झगड़े में इस तरह हत्या को अंजाम दिया गया।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज जाँच की तो श्रेयांशु के घर से दो महिलाएँ निकलते हुए नजर आईं। इनमें से एक श्रेयांशु की माँ थी और दूसरी उसकी सहेली इशरत परवीन। पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। घटना के दिन भी शांता ने इशरत से फोन पर बात की थी। दोनों का मोबाइल टावर भी घटनास्थल पर दिखा रहा था।
श्रीरामपुर के डीसीपी अर्णब विश्वास के अनुसार, कुछ ही दिनों पहले शांता के बेटे श्रेयांशु ने दोनों सहेलियों को एक ही बिस्तर पर हमबिस्तरी करते देख लिया था। शांता को डर था कि उनका बेटा किसी के आगे भेद न खोल दे। आखिरकार राज को राज ही रखने के लिए शांता ने अपनी सहली इशरत के साथ मिल कर अपने ही बेटे की हत्या की साजिश रच डाली।
18 फरवरी को जब शांता के पति घर से बाहर थे तब उसने अपनी सहली इशरत के साथ मिल कर श्रेयांशु को चाकुओं से गोद कर मार डाला। पुलिस ने शांता और उनकी लेस्बियन साथी इशरत परवीन को जरूरी कानूनी कार्रवाई के बाद जेल भेज दिया है। इस मामले में यह पता चला है कि पंकज को अपनी पत्नी के समलैंगिक होने की जानकारी पहले से ही थी।