उत्तरप्रदेश के बिजनौर में 5 साल पहले तक मोटर बाइंडिंग का काम करने वाले मैकेनिक अबरार नाम के शख्स के ख़िलाफ जाँच करने के लिए पुलिस ने ईडी को पत्र लिखा है। दरअसल, अबरार को लेकर पुलिस ने अपनी जाँच में पाया है कि उसकी गतिविधियाँ संदिग्ध हैं और उसके संबंध पाकिस्तान के एक मज़हबी संगठन से हैं। पुलिस का कहना है कि अबरार इस संगठन का भारत में चोरी-छिपे प्रचार प्रसार करता है और अब तक हैसियत से ज्यादा धन अर्जित कर चुका है। उसके नाम कई अरबों की बेनामी संपत्ति का भी पुलिस को मालूम चला है
43 वर्षीय अबरार धामपुर के गाँव हर्रा का रहने वाला है। जिसके कारण धामपुर के सीओ महावीर सिंह रजावत और अभिसूचना ईकाई ने अबरार की जाँच की है। इस पूरी जाँच में खुलासा हुआ है कि केवल 4-5 साल के अंदर अबरार ने सैकड़ों गुणा संपत्ति अपने नाम कर ली है। जो उसकी हैसियत से भी ज्यादा है। जाँच में पुलिस ने बताया है कि अबरार के पास अरबों रुपए की बेनामी संपत्ति भी है। जो कि उसके पाकिस्तान से लौटने के बाद बढ़ी।
पुलिस के अनुसार अबरार कुछ समय पहले पाकिस्तान गया था और वहाँ एक मज़हबी संगठन दाव-ए-इस्लाम से जुड़ गया। इसके बाद अबरार की संपत्ति में अथाह बढ़ोतरी हुई। अब पुलिस चाहती है कि ईडी आरोपित के ख़िलाफ़ जाँच करें। इसके मद्देनजर एसपी संजीव त्यागी ने प्रवर्तन निदेशालय लखनऊ को पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने अबरार के ख़िलाफ़ जाँच की माँग उठाई है।
पुलिस की मानें तो उन्होंने अपनी जाँच में पाया कि अबरार संदिग्ध तौर पर पाकिस्तान आता जाता रहता है और उसके घर में भी संदिग्धों का आना-जाना है। इसके अलावा वह पाक के एक संगठन का भारत में प्रचार-प्रसार करके पैसे कमाता है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने जाँच में पाया कि अबरार ने 19 फरवरी 2014 को मोहल्ला पुराना धामपुर हुसैनपुर में 111.77 गज का प्लॉट, 5 फरवरी 2014 को 86.44 गज का प्लॉट, इसी दिन 90.63 गज का प्लॉट, 30 जून 2014 को 129.66 गज का प्लॉट, 27 जनवरी 2015 को गाँव जलालपुर हर्रा में आधा बीघा जमीन, 10 अप्रैल 2017 को 71.2 गज का प्लॉट नई बस्ती धामपुर में, 29 अगस्त 2017 को अपनी पत्नी खातूना के नाम से नहटौर मार्ग पर मौजमपुर जैतरा में 180.44 गज का प्लॉट, गाँव नसीरपुर में दस से 15 बीघा जमीन खरीदी।
इसके अलावा भी पाकिस्तान से लौटने के बाद कई अन्य सम्पत्तियाँ अबरार द्वारा खरीदी गई। जाँच के अनुसार 2019 में अबरार ने एक ट्रैक्टर और 14 लाख रुपए कीमत की हाइड्रा मशीन की भी खरीद की। इस दौरान उसने धामपुर में दोमंजिला मकान बनाया, जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपए है।
रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया है कि अबरार पाँच वर्ष पहले एक जमात के साथ पाकिस्तान गया था, लेकिन कुछ दिन बाद बाकी सभी लोग लौट आए और वो पाकिस्तान में ही रुका रहा। जब लौटा तो पाक के मज़हबी संगठन दाव-ए-इस्लाम के लिए प्रचार-प्रसार करने लगा।
यहाँ बता दें दाव-ए-इस्लाम को पाक का एक धार्मिक संगठन बताया जाता है और कहा जाता है कि वहाँ इन संगठनों की आड़ में ही आतंक का खेल चलता है। ऐसे में अब अबरार का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस उसके अन्य साथियों की जाँच करने में भी जुटी है। एसपी संजीव त्यागी ने बताया है कि अबरार के जुड़े सभी लोगों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है, बाकी लोगों की भी संपत्ति की जाँच होगी।