भगवान राम और देवी सीता का मजाक उड़ाने वाले नाटक का मंचन करने विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया है। इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से शिकायत दी गई है। नाटक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके बाद से लोगों में गुस्सा है। इस मामले में पुलिस ने फैकल्टी और विद्यार्थियों को गिरफ्तार कर लिया है।
यह मामला सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (एसपीपीयू) का है। वहाँ शुक्रवार (1 फरवरी 2024) को भगवान राम और देवी सीता का मजाक उड़ाने वाले एक नाटक का मंचन किया गया। इन नाटक का नाम ‘जब वी मेट’ था। इसका मंचन ललित कला केंद्र के मंच पर किया गया। इसमें माता सीता को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था।
पुणे विद्यापीठ आयोजित रामलीला नाटकातून समस्त हिंदूंच्या भावना दुखावल्या आहेत. 🤬
— Right-Wing (@RWForum2010) February 2, 2024
गृहमंत्र्यांनी या वर त्वरित कायदेशीर कारवाई करावी…@shivanigokhale @BhumikaK22 @NiteshNRane @drankushmh @BalasahebL6595 @mangeshspa @Core_punekar @vidyahindu2811 @hindu_aman @SLambute30 @t_hemant pic.twitter.com/oWFRlWze22
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने भगवान राम और माता सीता को अपमानजनक ढंग से दिखाने पर कड़ी आपत्ति जताई। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने नाटक रोक दिया और तीखी बहस शुरू हो गई। इस दौरान विवाद में दो छात्रों को चोटें भी आई हैं।
In a play staged at Savitribai Phule Pune University (SPPU), Mata Sita is being shown smoking a cigarette and Prabhu Shri Ram ji is assisting her in lighting it.
— Randomsena (@randomsena) February 3, 2024
Requesting @CPPuneCity @DGPMaharashtra @PuneCityPolice to register a case under 295A and take strict action against… pic.twitter.com/QRjOnD4i9R
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने रामायण और भगवान राम एवं माता सीता का मजाक उड़ाने वालों को जवाब दिया कि रामायण पौराणिक कथा नहीं, बल्कि इतिहास है। इसलिए भगवान राम और माता सीता का मजाक उड़ाने की अनुमति किसी को नहीं है।
#ABVP Protests Offensive Language Targeting Hindu Gods in #Pune University Drama pic.twitter.com/AwGOPBn0uS
— Punekar News (@punekarnews) February 2, 2024
इस अपमानजनक वीडियो में माता सीता का किरदार निभा रही छात्रा को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था। बताया जा रहा है कि ये वीडियो नाटक के रिहर्सल के दौरान का है। एबीवीपी पुणे ने एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के ललित कला केंद्र विभाग द्वारा प्रस्तुत नाटक में प्रभु श्रीराम और सीता माता को जोकरों की तरह दिखाया जा रहा था।”
सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठामधील ललित कला केंद्र या विभागाकडून सादर केलेल्या नाटकांमध्ये प्रभू श्रीराम व सीता माता यांची भूमिका विदूषक प्रमाणे दाखवण्यात आली. त्याच बरोबर प्रभू श्रीराम यांना राखी सावंत व देवी देवतांच्या पात्राच्या मुखातून शिव्या व आक्षेपार्ह भाषा वापरण्यात आली pic.twitter.com/gPxE7QdXN5
— ABVP Pune (@ABVPPune) February 2, 2024
एबीवीपी ने इस घटना के बारे में आगे बताया, “एबीवीपी पुणे महानगर के कार्यकर्ताओं ने इस आपत्तिजनक नाटक को रोक दिया। एबीवीपी पुणे ने यह रुख अपनाया है कि हिंदू देवी-देवताओं के बारे में ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।”
अभाविप पुणे महानगरच्या कार्यकर्त्यांनी हे आक्षेपार्ह नाटक बंद केले. हिंदू देवी देवता बद्दल अशा प्रकारची भाषा मुळीच खपवून घेतली जाणार नाही व संबंधित दोषी विरूध्द कारवाई करण्यात यावी अशी भूमिका अभाविप पुणे तर्फे घेण्यात आली आहे.
— ABVP Pune (@ABVPPune) February 2, 2024
सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के सुरक्षा विभाग से जुड़े सुरेश भोंसले ने बताया, “हमें इस नाटक के मंचन से जुड़ी सूचना नहीं दी गई थी। इस घटनाक्रम के बाद हमें पता चला।” बहरहाल, इस मामले में दोनों ही पक्षों ने चतुहश्रुंगी पुलिस स्टेशन में शिकायत दी है। पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए हैं।
पुलिस का कहना है कि जाँच के बाद नाटक के आयोजकों के खिलाफ हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुँचाने का मामला दर्ज किया जाएगा। अब इस मामले में पुणे पुलिस ने ललित कला संकाय के प्रोफेसर और पाँच छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है।