जयपुर के शास्त्री नगर थाना इलाके में 7 साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार करने वाले आरोपित को पुलिस ने वारदात के पाँच दिन बाद कोटा से शनिवार (जुलाई 6, 2019) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आरोपित को लेकर देर रात जयपुर पहुँची। पुलिस ने आरोपित सिकंदर उर्फ जीवनू (35 साल) को तब गिरफ्तार किया, जब वो पाँच दिनों तक गायब रहने के बाद एक परिचित से मिलने कोटा के भीमगंज मंडी इलाके में पहुँचा था। दुष्कर्म आरोपित सिकंदर को पकड़ने के लिए पुलिस की 12 टीम दिन-रात जुटी हुई थी। इनमें से एक टीम को आरोपित के कोटा में मौजूदगी का सुराग मिला। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने निगरानी रखी और उसे पकड़ने में सफल रही।
जयपुर के पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि में सिकंदर ने 2004 में 11 साल के एक लड़के साथ कुकर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी। जिसके लिए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। पुलिस ने बताया कि आरोपित सिकंदर ने 2015 में जेल से रिहा होने के बाद 2017 में भट्टा बस्ती इलाके में दो नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ सहित कई अपराध किए।
आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि 2004 के दोषी ठहराए जाने से पहले और बाद में सिकंदर तकरीबन 10 अपराधों में शामिल था। साथ ही उन्होंने कहा कि पूछताछ के बाद ही इस बात का खुलासा हो पाएगा कि क्या उसी मोहल्ले में 22 जून को 4 साल की बच्ची के साथ हुए बलात्कार का दोषी भी वही है? इसके अलावा सिकंदर के खिलाफ मोटरसाईकिल की चोरी, दुकान लूटना, पुलिस अधिकारी पर हमला करने और पुलिस हिरासत से भागने जैसे कई अन्य अपराध के मामले दर्ज हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि वो एक आदतन अपराधी है। उन्होंने कहा कि इलाके के सीसीटीवी फुटेज बहुत मददगार साबित नहीं हुए।
जयपुर में मौजूदा तनाव की वजह से पुलिस आरोपित को जल्द से जल्द पकड़ने के दबाव में थी। इस दौरान जिला प्रशासन ने शहर के 13 पुलिस थाना क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को सस्पेंड कर दिया था। इसे शनिवार को फिर से चालू कर दिया गया।
गौरतलब है कि, सिकंदर ने जयपुर के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र में सोमवार (जुलाई 1, 2019) शाम अपनी बाइक पर घर के बाहर खेल रही एक नाबालिग बच्ची को अगवा करके अपने साथ ले गया। उसने बच्ची से कहा था कि वह उसके पिता का दोस्त है। इसके बाद उसने अमानीशाह नाले के पास बच्ची के साथ रेप करके करीब दो घंटे के बाद बच्ची को उसके घर के पास फेंककर चला गया। बच्ची की हालत गंभीर देखकर उसे सर पद्मपत मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल में भर्ती कराया। फिलहाल बच्ची की हालत में सुधार है। राज्य सरकार ने बच्ची के परिवार को ₹5 लाख की वित्तीय सहायता देने की स्वीकृत प्रदान की है।