किसानों ने अब 18 फरवरी को देश भर में दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक ‘रेल रोको कार्यक्रम’ आयोजित करने की घोषणा की है। इस दौरान चार घंटे तक रेल यातायात के प्रभावित होने की आशंका है। किसानों की इस घोषणा के बाद आरपीएफ (Railway Protection Force) और जीआरपी (Government Railway Police) पूरी तरह अलर्ट पर हो गई हैं। इसके लिए अंबाला कैंट से भी जीआरपी कर्मियों को बुलाया गया है। बहादुरगढ़ में जीआरपी की ओर से हर रेलवे स्टेशन पर पुलिसकर्मी तैनात किए जाएँगे।
रेल रोको अभियान के चलते फतेहाबाद में भी पुलिस के द्वारा चार डीएसपी, 10 एसएचओ और 500 के करीब पुलिस कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं। किसी भी उपद्रवी से निपटने के लिए पुलिस द्वारा पूरी तैयारी की गई है।
जानकारी के मुताबिक देशभर में रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स की 20 अतिरिक्त कंपनियाँ यानी करीब 20 हजार जवान तैनात किए गए हैं। मुख्य फोकस पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल पर रखा गया है। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के डायरेक्टर जनरल अरुण कुमार ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “हम चाहते हैं कि किसान यात्रियों के लिए असुविधा पैदा न करें। हम चाहते हैं कि वे 4 घंटे शांति से बीत जाए।”
कल रेल रोको अभियान 12 बसे से 3-4 बजे तक रहेगा। हम तो रेल चलाने की बात कर रहे हैं। अगर रेल रोकेंगे तो संदेश देंगे कि रेल चले। गांव के लोग अपने हिसाब से रेल रोको अभियान का संचालन कर लेंगे: राकेश टिकैत, किसान नेता pic.twitter.com/zRk28DfZCp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 17, 2021
इस बीच दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत कल के आंदोलन को ‘रेल रोको’ की बजाय ‘रेल खोलो’ आंदोलन बता रहे हैं। उन्होंने कहा, “कल रेल रोको अभियान 12 बसे से 3-4 बजे तक रहेगा। हम तो रेल चलाने की बात कर रहे हैं। अगर रेल रोकेंगे तो संदेश देंगे कि रेल चले। गाँव के लोग अपने हिसाब से रेल रोको अभियान का संचालन कर लेंगे।”
बता दें कि सिंघु सीमा पर फिर से दिल्ली पुलिस के एक SHO पर तलवार से हमला किया गया। मंगलवार (फरवरी 16, 2021) की रात 8 बजे हरप्रीत सिंह नामक प्रदर्शनकारी ने तलवार के बल पर जानलेवा हमला कर के दिल्ली पुलिस की कार छीन ली।
गौरतलब है कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन बीते 84 दिनों से लगातार जारी है। नए कानून के मुद्दे पर केंद्र और किसान संगठनों के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है।
ऐसे में अब किसान इस आंदोलन को तब तक जारी रखना चाहते हैं जब तक कि सरकार उनकी सारी माँगों को नहीं मान लेती और कानूनों को वापस नहीं कर लेती। इस क्रम में आंदोलन को रफ्तार देने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत ने कल रेल रोको अभियान का ऐलान किया है।