दिल्ली एयरपोर्ट पर अफ़ग़ानिस्तान के 7 तस्करों को गिरफ़्तार किया गया है। इन अफ़ग़ान नागरिकों से हेरोइन के 177 कैप्सूल मिले हैं। दरअसल, आइजीआइ एयरपोर्ट पर धर-दबोचे गए ये तस्कर बड़ी चालाकी से हेरोइन की तस्करी करते थे। ये सभी हेरोइन के कैप्सूलों को एक ख़ास तेल और शहद के साथ निगल जाया करते थे। इसके बाद वो दिल्ली में जिस होटल में रुकते थे, वहाँ जाकर मल के साथ इन कैप्सूलों को बाहर निकाल लेते थे। अर्थात, मुँह से निगले गए कैप्सूलों को गुदाद्वार से बाहर निकाल कर उसकी सप्लाई की जाती थी।
दिल्ली पुलिस को इन तस्करों द्वारा निगले गए कैप्सूलों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि हिरासत में लिए गए सातों तस्करों को 120 केले खिलाए गए, तब जाकर पिछले कुछ दिनों में उनके पेट से ये कैप्सूल बाहर निकले। पुलिस ने पहले ही उनके शरीर की एक्सरे जाँच कर ली थी, जिसके बाद पता चला था कि उन्होंने ड्रग्स को अपने पेट में छिपा कर रखा हुआ है। ‘नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो’ ने सभी ड्रग्स को जब्त कर लिया है।
ये पूरी प्रक्रिया एक दिन में पूरी नहीं हुई, इसमें कई दिन लगे। इन सातों के अलावा दिल्ली में रह रहे दो अन्य अफ़ग़ान नागरिकों को भी गिरफ़्तार किया गया। ये दोनों हेरोइन के कैप्सूलों की खेप को तस्करों से प्राप्त कर के उसे भारतीय बाजार में बेचते थे। ये दोनों ‘रिसीवर’ थे और एयरपोर्ट से गिरफ़्तार किए गए सातों ‘कैरियर’ थे। इस तरह से हेरोइन तस्करी के मामले में कुल 9 अफ़ग़ान नागरिकों को गिरफ़्तार किया गया है।
सातों ‘कैरियर’ तस्कर अफ़ग़ानिस्तान और दिल्ली के बीच अपनी हवाई यात्रा के दौरान फ्लाइट में कुछ भी खाते-पीते नहीं थे। कुछ दिनों पहले पुलिस को गुप्त सूचना मिली, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई। गिरफ़्तार तस्करों के नाम यूसुफजई रहमतुल्लाह, फैज़ मुहम्मद नबीज़ादा हबीबुल्ला, अहमदी अब्दुल वदूद, फज़ल अहमद, नूरजई कबीर और तुर्कमान अब्दुल हामिद शामिल हैं। वजन के हिसाब से देखें तो फैज़ ने सबसे ज्यादा 304 ग्राम के 38 कैप्सूल निगल रखे थे जबकि तुर्कमान ने सबसे कम 142 ग्राम के 18 कैप्सूल निगल रखे थे। यूसुफजई ने 215 ग्राम के 28 कैप्सूल, हबीबुल्लाह और अहमदी ने 225 ग्राम के 15, कबीर ने 250 ग्राम के 26 और फज़ल ने 262 ग्राम के 37 कैप्सूल निगल रखे थे।
इन सारे कैप्सूलों को जब्त कर लिया गया है। सबसे बड़ी बात कि किसी भी आरोपित के सामानों की जाँच के दौरान उनमें कुछ भी ऐसा नहीं मिला, जिससे पुलिस या एयरपोर्ट के जाँचकर्ताओं को शक हो सकता था। हालाँकि, उनकी गतिविधियाँ संदिग्ध लग रही थीं। एनसीबी के जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि उनके पेट से निकाले गए सभी पदार्थ विदेशी हैं। हायतुल्लाह और मसूद मुहम्मद दोनों रिसीवरों के नाम हैं। सात आरोपितों को पूरे एक सप्ताह हॉस्पिटल में रखा गया था।
Delhi: Seven Afghans arrested at IGI Airport, forced to excrete Rs 10 crore heroin https://t.co/sGeXhQ3Yfr via @TOIDelhi pic.twitter.com/38tzifvHjK
— Times of India (@timesofindia) January 13, 2020
एनसीबी नेक्रो-टेरर नेटवर्क के ख़िलाफ़ बड़ा अभियान चला रही है। इसे आतंकवाद के अंतर्गत इसीलिए रखा गया है क्योंकि इसके अधिकतर सरगना विदेशी इस्लामिक मुल्क़ों में बैठे आतंकी हैं। सभी गिरफ़्तार 9 लोग कंधार में बैठे तालिबानी आतंकी सरगना के लिए कार्य कर रहे थे, ऐसी आशंका जताई गई है। जब्त किए गए ड्रग्स की क़ीमत 10 करोड़ रुपए आँकी गई है। इसे अफ़ग़ानिस्तान से भारत लाने के लिए एक ‘कैरियर’ को प्रति ट्रिप 50,000 से 1.5 लाख रुपए तक मिलते हैं।
Big! Eight Afghan nationals arrested in an ops by the NCB team led by zonal director KPS Malhotra with crores worth Heroin:-
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) January 12, 2020
Yusufzai Rahamatullah
Faiz Mohammad
Nabizada Habibullah
Ahmedi Wadood
Turkman Hamid
Fazal Ahmed
Noorzai Kabir
Hayatullah
Masood Mohammad pic.twitter.com/Je6vbfBsGz
ये सभी अफ़ग़ान तस्कर नाइजीरियाई तस्करों के साथ मिल कर काम करते हैं। अफ्रीकन ‘रिसीवर’ इन ड्रग्स के बदले जो रुपए देते हैं, उनका इस्तेमाल भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए किया जाता है। एनसीबी ने जाँच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है।