मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में महिला वन अधिकारी के खौफ से रेत माफियाओं के हौसले पस्त पड़ गए हैं। वन विभाग व एसएएफ की टीम पर रेत माफियाओं का हमला आम बात है। ऐसे में एक महिला वन अधिकारी श्रद्धा पांढरे द्वारा बेखौफ होकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करना, बेहद काबिलेतारीफ है। एसडीओ (SDO) के पद पर कार्यरत श्रद्धा पांढरे ने रेत माफिया को नाकों चने चबाने को मजबूर कर दिया है।
जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, मुरैना जिले में रेत माफिया एसडीओ को रोकने के लिए उन पर 8 बार हमला कर चुका है। इसके बावजूद वह बिना डरे अपने कार्य को अंजाम दे रही हैं। अपने डेढ़ साल के बेटे को घर पर नौकर के भरोसे छोड़कर पांढरे अवैध रेत माफियाओं को रोकने के लिए दिन-रात अपनी ड्यूटी में जुटी रहती हैं। वह माफिया का सामना करने से पीछे नहीं हटती हैं। यही कारण है वे उनसे डरे रहते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, रेत माफिया तीन महीने में वन टीम पर 8 पर हमला कर चुके हैं। हमले की शुरुआत 24 अप्रैल 2021 को आरटीओ बैरियर व वन चौकी के बीच सोलंकी पेट्रोल पंप के पास हुई थी। उस वक्त अवैध रेत की ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ा गया था। इसी दौरान एक रेत माफिया ने कट्टा निकाला और एसडीओ श्रद्धा की गाड़ी पर चला दिया। इसके बाद एसडीओ पर 22 मई 2021 को दूसरा हमला हुआ था, लेकिन वो बच गई थीं। तीसरा हमला 25 मई 2021 को वन विभाग के नाके पर हुआ था। इसी तरह रेत माफिया के गुर्गों ने वन टीम पर आठ बार हमले किए।
बता दें कि रेत माफिया अब तक अपने रास्ते में आने वाले कई पत्रकारों और अधिकारियों की जान ले चुके हैं। मध्य प्रदेश में रेत माफिया हर उस आवाज, उस आदमी, उस कदम को बेरहमी से कुचल डालता है, जो उसके काले कारोबार के रास्ते में आड़े आते हैं। यही नहीं, कभी बंधक बनाकर, कभी गोलियाँ चलाकर, कभी ट्रक या ट्रैक्टर चढ़ाकर, कभी खिलाफत करने वाले में खौफ पैदा कर उसे यहाँ से जाने के लिए मजबूर करना इन माफिया के लिए बेहद आम बात है। ऐसे में महिला वन अधिकारी द्वारा इनका डटकर सामना कर अनूठी मिसाल कायम करता है।