बहराइच जिले में 13 अक्टूबर 2024 को हुई हिंसा के मामले में बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह को लोगों का तीखा विरोध झेलना पड़ा, जब वो मृतक राम गोपाल मिश्रा के शव को मोर्चरी की ओर ले जाते समय प्रसाशनिक अधिकारियों के साथ खड़े दिखे। अब इस मामले में विधायक ने 7 नामजद और सैकड़ों अज्ञात लोगों (भीड़) के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है।
यह घटना तब हुई, जब अगले दिन बहराइच मेडिकल कॉलेज के गेट पर राम गोपाल मिश्रा के शव के साथ भीड़ प्रदर्शन कर रही थी। सुरेश्वर सिंह ने कहा कि हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा के शव को मोर्चरी की ओर ले जाते समय उन पर हमला हुआ। विधायक सुरेश्वर सिंह के अनुसार, वह शव के पास पहुँचने के बाद जिलाधिकारी से बातचीत कर रहे थे कि तभी कुछ उपद्रवियों ने उन पर हमला कर दिया।
आरोपितों में अर्पित श्रीवास्तव, अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, मनीष चंद्र शुक्ला, कुशमेन्द्र चौधरी, पंडुरीक पांडेय, सुधांशु सिंह राणा और सैकड़ों लोगों की भीड़ को शामिल किया गया है। सुरेश्वर सिंह ने शिकायत में कहा है कि उनके खिलाफ नारेबाजी के साथ गाली-गलौज की और मारपीट की कोशिश की गई। विधायक ने आरोप लगाया कि भीड़ ने उनके बेटे अखंड प्रताप सिंह पर भी हमला किया, लेकिन वह किसी तरह बच निकले।
Sureshwar Singh, #BJP MLA from Mahsi in Bahraich, filed a case against 8 men his own party under serious charges- inciting riots, stone-pelting, and attempted murder. MLA alleges, after death of Ramgopal Mishra amid #Bahraich violence, he was attacked with stones and fired upon. https://t.co/pvA4zI9jR2 pic.twitter.com/eXMBWm1IoQ
— Arvind Chauhan, very allergic to 'ya ya'. (@Arv_Ind_Chauhan) October 21, 2024
मामले की शुरुआत रामगोपाल मिश्रा की मौत से हुई थी, जिसके बाद लोग आक्रोशित होकर मेडिकल कॉलेज के सामने प्रदर्शन कर रहे थे। स्थिति तब बिगड़ी जब शव को मठरी गाँव ले जाने के दौरान कुछ उपद्रवियों ने भीड़ को भड़काया और पथराव शुरू कर दिया। सुरेश्वर सिंह का दावा है कि उन पर और उनके बेटे पर जानलेवा हमला करने की भी कोशिश की गई, जिसमें कई उपद्रवी शामिल थे। विधायक ने इस घटना की पूरी रिपोर्ट दर्ज कराई है और यह माँग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपित भाजपा नेता अर्पित श्रीवास्तव ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि विधायक ने राजनीतिक फायदे के लिए यह मामला दर्ज कराया है और उनके बेटे ने ही भीड़ के साथ गाली-गलौज की, जिसके चलते विवाद बढ़ा। अर्पित ने कहा, “विधायक सुरेश्वर सिंह ने झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। विधायक का बेटा गोलू लोगों को गाली दे रहा था। जिसका लोगों ने विरोध किया था। फायरिंग की बात भी गलत है।”
फिलहाल, पुलिस ने इस पूरे मामले की जाँच शुरू कर दी है और एफआईआर में दर्ज आरोपों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।