Sunday, November 17, 2024
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तीस्ता सीतलवाड़ को नहीं मिली बेल, रिटायरमेंट वाले दिन AAP नेता को भी झटका: गुजरात दंगों में मोदी को बदनाम करने की रची थी साजिश

जाकिया जाफरी केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीतलवाड़, पूर्व डीजीपी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की गिरफ्तारी हुई थीं और कोर्ट ने इनको न्यायिक हिरासत में भेजा था। इन सबके ऊपर आरोप है कि इन्होंने गोधरा दंगा मामले में निर्दोष लोगों को दोषी दिखाने के लिए दस्तावेज गढ़े।

गुजरात दंगों से जुड़े मामले में गिरफ्तार हुईं तीस्ता सीतलवाड़ की बेल याचिका को अहमदाबाद के सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है। उनके साथ पूर्व डीजीपी व आम आदमी पार्टी नेता आरबी श्रीकुमार की जमानत याचिका भी उनकी रिटायरमेंट वाले दिन खारिज हुई। सत्र न्यायालय के जज डीडी ठक्कर के फैसले के बाद अब सीतलवाड़ और श्रीकुमार दोनों जेल में ही रहेंगे।

बता दें कि जाकिया जाफरी केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीतलवाड़, पूर्व डीजीपी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की गिरफ्तारी हुई थी। कोर्ट ने इनको न्यायिक हिरासत में भेजा था। इन सबके ऊपर आरोप है कि इन्होंने गोधरा दंगा मामले में निर्दोष लोगों को दोषी दिखाने के लिए दस्तावेज गढ़े और उस समय के गुजरात मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का प्रयास भी किया।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि तीस्ता ने अपने फायदे के लिए जाकिया जाफरी की भावनाओं का मजाक बनाया जबकि आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ फर्जी की गवाही दी। इस आदेश के बाद ही गुजरात पुलिस ने तीनों आरोपितों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 468, 471, 194, 211, 218, 120 बी के तहत केस दर्ज किया था।

केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने सीतलवाड़ और श्रीकुमार को पकड़ा जबकि भट्ट कुछ दिन पहले पहले गिरफ्तार हुए। इन लोगों के विरुद्ध दर्ज एफआईआर में कहा गया कि आरोपितों ने गुजरात दंगों में फर्जी दावे करके चीजों को संवेदनशील बनाया जो कि एसआईटी जाँच में पूरी तरह उजागर हो गए हैं।

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों एसआईटी ने अपने हलफनामे में खुलासा किया था कि कैसे कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल गुजरात दंगों की आड़ में भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश में गिराना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने तीस्ता सीतलवाड़ को 30 लाख रुपए भी दिए थे। इस संबंध में बीते दिनों तीस्ता के करीबी रईस पठान ने भी खुलासा किया था। रईस ने बताया था, “जो बात सामने आ रही 30 लाख रुपयों की वो बिलकुल दंगों के शुरुआती दिनों की बात है। तीस्ता बहुत पहले से अहमद पटेल को जानती थीं। लेकिन जब दंगे हुए उसके कुछ दिन बाद की मुलाकात जो है वो शाही बाग के सर्किट हाउस में हुई थी। वहाँ उनके साथ मैं भी गया था।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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