गुजरात के अहमदाबाद शहर में लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन चिंतित है। इसके बाद संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन ने शहर के बीच से निकलने वाली साबरमती के पाँच पुलों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। साथ ही अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों के लोगों से खास अपील करते हुए प्रशासन ने लोगों से घर में ही रमजान मनाने की अपील की है।
जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद शहर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए शहर प्रशासन ने साबरमती के ऊपर बने दो और पुल, अम्बेडकर ब्रिज और सरदार ब्रिज पर वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया है। इससे पहले शहर प्रशासन ने नेहरू ब्रिज, दधीचि ब्रिज और गाँधी ब्रिज पर वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया था। इसी के साथ बंद किए गए पुलों की संख्या अब पाँच हो गई है।
दरअसल, सरदार ब्रिज जमालपुर को पालड़ी क्षेत्र को जोड़ता है और वहीं एक फ्लाईओवर क्षेत्र को स्टेट ट्रांसपोर्ट बस टर्मिनल से जोड़ता है, हालाँकि, 2002 में हुए भयानक गुजरात दंगों के दौरान भी इस पुल के यातायात को लिए बंद नहीं किया गया था।
घर पर ही मनाएँ रमजान
गुजरात के अहमदाबाद महानगरपालिका के कमिश्नर आईएएस अधिकारी विजय नेहरा ने रविवार(3 मई, 2020) मीडिया से बात करते हुए कहा कि बाहर निकलकर कोरोना संक्रमण का खतरा मोल लेने के बजाय घर पर रहकर ही पवित्र रमजान मनाएँ। मुस्लिम बहुल जमालपुर वार्ड के लोगों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है क्योंकि अब तक शहर में हुई कुल मौतों में से 33 प्रतिशत अकेले वहाँ ही हुई हैं। कुल संक्रमितों का एक बड़ा हिस्सा भी वहीं से हैं।
#Ahmedabad: More than 50 #coronavirus patients to be discharged from SVP hospital today: AMC Commissioner Vijay Nehra @vnehra #GujaratFightsCovid19 #COVID19 #TV9News pic.twitter.com/rcO2RiGEhv
— tv9gujarati (@tv9gujarati) May 3, 2020
विजय नेहरा ने कहा कि हमारे लिए यह जरुरी है कि हम अनुशासित में रहें और संकल्प लें कि हम 14 दिनों तक घर पर रहेंगे और अनावश्यक रूप से बाहर निकलकर संक्रमण का जोखिम नहीं उठाएँगे। हमने देखा है कि शहर के बहुत से लोगों ने 40 दिनों के लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लिया। हमें अब यह समझने की जरूरत है कि यह एक गंभीर बात है।
आपको बता दें कि अन्य महानगरों के साथ अहमदाबाद शहर को भी रेड जोन में रखा गया है। अब तक अहमदाबाद में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 3,500 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जो कि गुजरात राज्य में सबसे अधिक है। इनमें से 37 लोग वेंटिलेटर पर हैं और 2,815 सक्रिय मामले हैं।
राहत की बात यह कि इनमें से 525 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। वहीं अहमदाबाद में दस वार्डों को कंटेनमेंट जोन में रखा गया है, जिनमें दानी लिमडा, मणिनगर, जमालपुर, खड़िया, दरियापुर, शाहपुर, असरवा, बेहरामपुरा, गोमतीपुर और सरसपुर शामिल हैं।
तबलीगी जमात सबसे बड़ी समस्या
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने एक मीडिया हाउस के साथ बातचीत करते हुए कहा था कि राज्य में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामले दिल्ली स्थित मरकज निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के से संबंधित है, क्योंकि जमात के लोगों ने अपनी यात्रा के संपर्कों को छिपाया था। उन्होंने कहा कि शहर की महज 10 प्रतिशत आबादी वाले पुराने अहमदाबाद में ही 90 प्रतिशत कोरोना संक्रमिल मामले मिले।
विजय रूपाणी ने राज्य में कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों के लिए तबलीगी जमात को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राज्य सरकार इसे समझने में असफल रही।रुपाणी से पहले, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेणी सिंह रावत, और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने-अपने राज्यों में कोरोनो वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के लिए तबलीगी जमात को ही जिम्मेदार ठहराया था।
आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में कोरोना से मरने वालों की संख्या 262, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 5054 हो गई है। वहीं राहत की बात यह है कि राज्य में कुल 896 मरीज ठीक होकर अस्पतालों से घर जा चुके हैं।