एम्स की 5 सदस्यों वाली फोरेंसिक टीम सुशांत सिंह की मेडिकल फ़ाइल खँगाल रही है। टीम विसरा टेस्ट भी करने जा रही है। इससे यह पता चलेगा कि सुशांत को ज़हर दिया गया था या नहीं।
एम्स के फोरेंसिक विभाग के मुखिया डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि इस टेस्ट की रिपोर्ट 10 दिन के अंदर आ जाएगी। डॉ. सुधीर उस मेडिकल बोर्ड के चेयरमैन भी हैं जिसका गठन सुशांत सिंह मामले की सीबीआई जाँच में मदद करने के लिए हुआ है। सीबीआई के अनुरोध के बाद पिछले हफ्ते इस बोर्ड का गठन हुआ था। बोर्ड सुशांत सिंह मामले से जुड़ी तमाम मेडिकल रिपोर्ट की जाँच भी करेगा।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि विसरा टेस्ट की तैयारी पूरी हो चुकी है। इसकी मदद से हमारे लिए यह पता लगाना आसान होगा कि क्या सुशांत को ज़हर दिया गया था। विसरा टेस्ट की रिपोर्ट 10 दिनों में आ सकती है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हम सुशांत सिंह को दी गई दवाओं की भी जाँच करेंगे। उन दवाइयों की जाँच एम्स की प्रयोगशाला में की जाएगी।
सुशांत सिंह की ऑटोप्सी रिपोर्ट सामने आने पर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ज़हर दिए जाने की आशंका जताई थी। दरअसल रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि ऑटोप्सी में लगभग 12 घंटे की देरी हुई थी। इसके अलावा मौत का सही समय भी नहीं बताया गया था। इस पर ट्वीट करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा था, “अब हत्यारों की शैतानी मानसिकता धीरे-धीरे सामने आ रही है। ऑटोप्सी में जान-बूझकर देरी की गई जिससे शरीर के पाचक तरल ज़हर को ख़त्म कर दें। जिससे इस बात की पुष्टि न हो पाए कि ज़हर दिया गया था। समय आ गया है कि जो आरोपित हैं उन पर कार्रवाई की जाए।”
बीते दिन सुशांत सिंह राजपूत की गर्दन पर नज़र आए निशान को लेकर चर्चा काफी तेज़ हो गई थी। AIIMS के डॉक्टरों की टीम ने इस सम्बन्ध में कूपर हॉस्पिटल के उन डॉक्टरों से जवाब माँगा था, जिन्होंने सुशांत सिंह राजपूत का पोस्टमॉर्टम किया था। एम्स के तीन डॉक्टरों की टीम ने कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टरों से पूछताछ की थी। एम्स के डॉक्टरों ने इस दौरान सुशांत के गले में बने निशान को लेकर भी सवाल दागे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सवाल यहाँ अटका हुआ था कि सुशांत के गले में दिखे जख्म के निशान उनके गले के बीच में थी और एकदम सीधी रेखा की तरह दिखाई दे रही है। जबकि अगर कोई व्यक्ति इस तरह से आत्महत्या करता है तो ये निशान तिरछा बनता है और गर्दन के ऊपर होता है। साथ ही ये खरोंच की तरह भी दिखता है। एम्स के 3 डॉक्टरों की टीम ने सुशांत का पोस्टमॉर्टम करने वाली 5 डॉक्टरों की टीम से इस बाबत सवाल-जवाब किया।
साथ ही ये सवाल भी पूछा गया कि पोस्टमॉर्टम में Ligature strangulation की आशंका को कैसे ख़ारिज कर दिया गया था? साथ ही गले पर के निशान कुर्ता से कैसे पैदा हो सकते हैं, ये भी पूछा गया। बताया गया था कि सुशांत सिंह राजपूत ने कुर्ते को ही फाँसी का फंदा बना कर आत्महत्या की थी। कई तथ्यों के आधार पर इसे हत्या कहा जा रहा है, इसे नकारने के लिए कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टरों के पास क्या सबूत हैं, ये भी पूछा गया।