राजस्थान के अजमेर में 90 के दशक में 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ रेप हुआ। देश के सबसे बड़े उस रेप कांड में मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के खादिम तक शामिल थे। उस घटना पर ‘अजमेर 92’ नाम से फिल्म आ रही। अब इस्लामी संगठन दरगाह का हवाला देकर फिल्म का विरोध कर रहे हैं। वहीं, दरगाह के खादिम ने एक बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है।
मंदिर में पुजारियों की तरह दरगाहों में खादिम होते हैं। अजमेर शरीफ दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती ने अपने विवादित बयान के जरिए अजमेर रेप कांड को सही ठहराने और इसके लिए पीड़ित लड़कियों पर दोष मढ़ने की कोशिश की है।
चिश्ती ने कहा कि ‘लड़की चीज ही ऐसी होती है… बड़े से बड़ा फिसल जाता है’। इस मामले को हिंदुओं से जोड़ते हुए चिश्ती ने कहा, “आदमी पैसों से करप्ट नहीं हो सकता, मूल्यों से करप्ट नहीं हो सकता। लड़की चीज ही ऐसी है कि बड़े से बड़ा फिसल जाता है। वो थी ना… नाम क्या था… जो पेड़ के नीचे बैठे थे, विश्वामित्र जैसे भटक सकते हैं।”
चिश्ती ने आगे कहा, “अच्छा… जितने भी बाबा लोग जेल में हैं, ये सिर्फ वो हैं जो लड़की के मामले में फँसे हैं। यह ऐसा सब्जेक्ट है कि बड़े से बड़ा फिसल जाता है।” चिश्ती ने इसमें मुस्लिम मौलवियों का नाम ना लेकर एक नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की।
Sarwar Chisti of the Ajmer Dargah justifying Ajmer 1992 sex scandal, where hundreds of Hindu girls were victims. He says "larki aisi cheez hai". pic.twitter.com/sOXpxZm87K
— Pagan 🚩 (@paganhindu) June 10, 2023
बताते चलें कि इस रेप कांड में लगभग सभी लड़कियाँ हिंदू थीं और उन्हें ब्लैकमेलिंग एवं बलात्कार को अंजाम देने अधिकतर समुदाय विशेष के थे। इस घटना के मुख्य आरोपित थे- फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती। तीनों युवक कॉन्ग्रेस में महत्वपूर्ण पदों पर थे और अजमेर दरगाह के खादिम परिवारों से आते थे।
इस फिल्म के विरोध में अजमेर दरगाह कमेटी ने कहा था कि फिल्म के जरिए एक खास समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश की गई है। फिल्म से अजमेर दरगाह और मोइनुद्दीन चिश्ती की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश हुई तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। रिलीज से पहले फिल्म दरगाह कमेटी को दिखाने की भी की गई है।
विवादित बयानों के लिए कुख्यात है सरवर चिश्ती
सरवर चिश्ती वही शख्स है, जिसने नूपुर शर्मा मामले में लोगों को भड़काने का काम किया था। उसने कहा था, “इस वक्त मुल्क में जो हालात हैं। नामूस ए रसूल सललल्लाहु अलेही वसल्लम की शान में गुस्ताखी हो रही है। ये हम कभी कबूल नहीं करेंगे। ऐसा आंदोलन करेंगे कि पूरा भारत हिल जाएगा।” चिश्ती ने जिस अंदाज में यह ऐलान किया था, वह उसके इरादों को साफ तौर पर जाहिर कर रहा था।
चिश्ती पर प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से कनेक्शन होने का भी आरोप है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरवर चिश्ती खुद को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सदस्य बताता है। उसे इस संगठन के सदस्यों के साथ कई बार देखा जा चुका है। वह मंचों से कई बार पीएफआई की तारीफ कर चुका है। 2020 में, उसने यह कहते हुए पीएफआई का बचाव किया था कि संगठन ‘भारत के संविधान को बचा रहा है’।
पीएफआई के नेताओं के साथ बैठे सरवर का एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में सरवर चिश्ती कहता है, “हम मुसलमानों के हामी हैं, मददगार हैं, उनके तरफदार हैं और ये तंजीमें- PFI-SDPI मुसलमानों की आवाज उठाती है।” इस दौरान SDPI नेता तस्लीम रहमानी भी सरवर चिश्ती के साथ बैठा था। साथ में PFI का अनीस, SDPI का जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद शफी, राजस्थान PFI अध्यक्ष आसिफ भी था। सरवर चिश्ती इनकी तारीफ कर रहा था।
इतना ही नहीं, 10 साल पहले कर्नाटक में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के मंच से भाषण देते हुए सरवर चिश्ती ने नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक बात कही थी। तब नरेंद्र मोदी को PM उम्मीदवार बनाने की अटकलें लग रही थीं।
उस समय सरवर चिश्ती ने कहा था, “अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गया तो कोई ताज्जुब नहीं होगा कि सभी मुसलमान आतंकवादी बन जाएँ।” चिश्ती के इस बयान के बाद कर्नाटक में उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। हालाँकि, उस मामले का क्या हुआ, किसी को ज्ञात नहीं है।
सरवर का बेटा आदिल चिश्ती हिंदू-देवताओं का मजाक बनाते हुए 23 जून 2022 को कहा था, “333 करोड़ खुदाओं का अस्तित्व कैसे माना जाएगा? यह कैसे तार्किक है? एक खुदा का तो समझ में आता है, लेकिन 333 करोड़ खुदा, थोक में देवता (Wholesale of Gods), उसको कैसे माना जाएगा? मैं सोचता हूँ कि अगर व्यक्ति को हजार साल की जिंदगी मिले तो भी वह सभी 333 करोड़ खुदाओं को राजी नहीं कर सकता है।”