उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में छेड़खानी के विरोध में अनुसूचित जाति के लोगों ने गाँव से पलायन करने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने अपने-अपने घरों पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिख दिया है। दरअसल, दलित समुदाय की नाबालिग बेटी के साथ गाँव के ही मु्न्ना, मोहसिन, इमरान और जीशान ने छेड़खानी और मारपीट की थी।
दरअसल, अलीगढ़ के दरदुआगंज क्षेत्र के एक गाँव में रविवार (4 सितंबर 2022) की रात को मोहसिन ने एक दलित लड़की पर अश्लील फब्तियाँ कस दी थी। उसने जब विरोध किया तो उसे खींचकर घर ले जाने की भी कोशिश की थी। इसके साथ ही उसे जातिसूचक अपमानजनक शब्द भी कहे।
लड़की के पिता ने जब इसकी शिकायत की थी तो आरोपितों ने उनके साथ मारपीट की। इस मारपीट में उसके पिता बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद दोनों पक्ष थाने में पहुँचे और तहरीर दी। पुलिस ने पीड़िता के पिता के साथ-साथ आरोपितों की भी तहरीर लेकर क्रॉस प्राथमिकी दर्ज कर ली।
प्रकरण में अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही प्रचलित है । सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा चैक किया गया, मौके पर शांति है ।
— ALIGARH POLICE (@aligarhpolice) September 7, 2022
जब आरोपितों की तहरीर के आधार पर पीड़िता के पिता को आरोपित बनाया गया तो दलित समुदाय नाराज हो गया। मंगलवार (6 सितंबर 2022) को थाने पहुँचकर कर पीड़ितों ने अपनी नाराजगी जताई। इसके बाद वे अपने घरों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ लिखवाकर गाँव से पलायन की घोषणा कर दी।
इस घटना पर अतरौली के सीओ विशाल चौधरी ने कहा, “रविवार की रात को मैं खुद मौके पर गया था। उस दौरान मारपीट की बात सामने आई ती, छेड़खानी जैसी बात नहीं कही गई थी। उसी के अनुसार मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अब एक पक्ष की ओर से कुछ अलग आरोप लगाए जा रहे हैं।”
सीओ विशाल चौधरी ने कहा कि अगर इसमें थाना स्तर पर कोई गड़बड़ हुई है तो उसकी जाँच की जाएगी। किसी के साथ पक्षपात या गलत कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह का दबाव बनाना गलत है।
वहीं, पलायन की घोषणा के बाद अलीगढ़ पुलिस पीड़िता से मिलकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया और मकानों पर लिखे नारे को पुतवा दिया। वहीं, बुधवार को हरदुआगंज पुलिस पीड़िता के बयान दर्ज करने घर पहुँची, लेकिन पीड़ित परिवार ने मुकदमा दर्ज होने से पहले बयान दर्ज कराने से इनकार कर दिया।