नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में एएमयू कैंपस में जारी धरना प्रदर्शन अब ढलान की ओर है। ऐसे में इस कानून के विरोधियों का पूरा फोकस अब शाहजमाल के धरने को हिट कराने में लग गया है। एएमयू के कई छात्र छात्राएँ यहाँ के धरने को भीड़ की आड़ में लीड कर रहे हैं।
बता दें कि शाहजमाल ईदगाह के बाहर ये मुस्लिम महिलाएँ 29 जनवरी 2020 से धरने पर बैठी हैं। हिंदुस्तान के मुताबिक शनिवार (फरवरी 8, 2020) को भी तकरीबन 300 महिलाएँ यहाँ पर डटी रही और सरकार विरोधी नारे लगाए। धरनास्थल पर दोपहर में नमाज और कुरान ख्वानी के बाद दुआ कराई गई। इसके बाद दिल्ली में केंद्र सरकार को आईना दिखाने और सीएए वापस होने तक डटे रहने के साथ आजादी के नारे लगाए गए।
इन महिलाओं का कहना है कि वो केंद्र सरकार को यह एहसास दिलाना चाहती है कि CAA को लागू करके उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव के माध्यम से वो केंद्र सरकार को बड़ा मैसेज देने वाली हैं। बता दें कि रुक-रुककर नारेबाजी का ये सिलसिला आधी रात तक चलता रहा। यहाँ कुछ एएमयू की छात्राओं ने भी तकरीर के जरिए महिलाओं को सीएए वापस होने तक डटे रहने और आमजन से धरने को सहयोग करने की अपील की।
प्रदर्शनकारियों के धरने को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से देहली गेट समेत कई थानों की पुलिस के अलावा PAC और RAF को तैनात किया गया है। इस बाबत उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यहाँ विरोध करने वाले लोग उसी सरकार विरोधी लॉबी के प्रोडक्ट हैं, जो दिल्ली में शाहीन बाग विरोध का नेतृत्व कर रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस इन प्रदर्शनकारियों पर देशद्रोही तत्वों के साथ उनके संबंधों का पता लगाने के लिए कड़ी निगरानी रख रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार (जनवरी 31, 2020) को धरनास्थल पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान पहुँचा था। उसने बुर्का पहन कर महिलाओं के प्रदर्शन में शिरकत की थी। पुलिस ने जब सज्जाद को रोका तो वो महिलाओं के बीच पहुँच कर बुर्के में प्रदर्शन करने लगा। प्रदर्शन के दौरान ही सज्जाद अपनी फेसबुक पेज पर लाइव हो गया और उसने वहाँ उपस्थित प्रदर्शनकारी महिलाओं को उकसाना शुरू कर दिया। वो वहाँ उपस्थित लोगों को भड़का रहा था। स्थिति बिगड़ती देख जब पुलिस उसे गिरफ़्तार करने पहुँची तो वो साथियों सहित वहाँ से भाग खड़ा हुआ था।