Sunday, November 17, 2024
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मासूम ‘सोनम’ की नृशंस हत्या मामले की जाँच के लिए SIT गठित

डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने कहा कि माता-पिता के बयानों के आधार पर दो मुख्य दोषियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है और संबंधित SHO के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अन्य पुलिस कर्मी भी इस मामले में लापरवाही का दोषी पाया गया तो उसके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी।

अलीगढ़ के टप्पल में ढाई वर्षीय सोनम (बदला हुआ नाम) की नृशंस हत्या मामले की जाँच के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा एक विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया गया है।

पुलिस के अनुसार, इस मामले में POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार के अनुसार, ‘अलीगढ़ एसएसपी ने मामले को तेजी से ट्रैक करने के लिए एक SIT का गठन किया है जिससे अपराधियों को जल्द से जल्द सज़ा दिलाई जा सके। उन्होंने कहा कि साइंटिफ़िक सबूतों के आधार पर जाँच आगे बढ़ाई जा रही है।’

इसके आगे उन्होंने कहा कि माता-पिता के बयानों के आधार पर दो मुख्य दोषियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है और संबंधित SHO के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अन्य पुलिस कर्मी भी इस मामले में लापरवाही का दोषी पाया गया तो उसके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले हमने एक ख़बर की थी जिसमें आरोपी ज़ाहिद और असलम के अपराधों पर पर्दा डालने का प्रयास किया गया था, जिसमें यह दावा किया गया कि बच्ची का बलात्कार नहीं किया गया, जबकि सच्चाई यह है कि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा कोई तथ्य निकलकर सामने नहीं आया। फ़िलहाल, POCSO अधिनियम भी जाँच में शामिल कर लिया गया है। इस मामले की पूरी सच्चाई बाहर आना अभी बाक़ी है, फिर कोई यह कैसे कह सकता है कि बच्ची का यौन शोषण हुआ ही नहीं था। इसलिए, जाँच में यौन शोषण के एंगल को ख़ारिज नहीं करना चाहिए।

इसके अलावा, पुलिस अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही पर डीजी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस के बयानों को अंतिम सत्य के रूप में नहीं लिया जा सकता है। ख़ासकर तब, जब साइंटिफ़िक सबूत कुछ और ही हक़ीकत बयाँ करते हों।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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