Sunday, November 24, 2024
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‘भगवा चोला पहन अराजकता फैलाना, मुस्लिमों पर धौंस जमाना कुछ लोगों की आदत बन गई है’

सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर उन्होंने कहा कि नमाज अल्लाह की इबादत है और किसी को तकलीफ देकर इबादत करना ठीक नहीं है। जब उनसे सवाल किया गया कि सड़क तो कोई खाली जगह नहीं है, तो मौलाना ने इसके जवाब में कहा कि इसके आगे वो कुछ नहीं कहना चाहते.....

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने यूपी में लोगों को सड़कों पर नमाज पढ़ने से मना किया है। AIMPLB के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने रविवार (जुलाई 28, 2019) को मुस्लिम धर्म गुरुओं से अपील की है कि वे सड़क पर नमाज पढ़ने से परहेज करें। उन्होंने कहा कि शरीयत के हिसाब से खाली जगह पर नमाज अदा की जा सकती है। खाली जगह पर नमाज पढ़ना जायज है। सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर उन्होंने कहा कि नमाज अल्लाह की इबादत है और किसी को तकलीफ देकर इबादत करना ठीक नहीं है। जब उनसे सवाल किया गया कि सड़क तो कोई खाली जगह नहीं है, तो मौलाना ने इसके जवाब में कहा कि इसके आगे वो कुछ नहीं कहना चाहते, उनकी बात का मतलब निकालने का काम सुनने और पढ़ने वालों पर छोड़ दिया जाए।

साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा हर रोज नहीं होता है, सिर्फ जुमे (शुक्रवार) वाले दिन होता है और वो भी चंद मस्जिदों के बाहर। मौलाना ने कहा कि जब मस्जिदों में भीड़ बढ़ जाती है, तो मजबूरी में लोग सड़क पर नमाज पढ़ते हैं, लेकिन यदि इससे किसी को कोई ऐतराज है तो नमाजियों को थोड़ी जहमत उठाकर दूसरी मस्जिद में चले जाना चाहिए। सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर उन्होंने दोहरा रवैया अपनाते हुए कहा कि भगवा चोला पहनकर अराजकता फैलाना और मुस्लिमों पर धौंस जमाना कुछ लोगों की आदत बन गई है। 

गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में सड़कों पर नमाज पढ़ने को लेकर हिन्दू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया था। इसके विरोध में उन्होंने सड़क पर हनुमान चालीसा और महाआरती करना शुरू कर दिया था। हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं का कहना था कि जब सड़क पर नमाज पढ़ी जा सकती है, तो हनुमान चालीसा क्यों नहीं? उन्होंने प्रशासन से भी इसको लेकर दोहरा रवैया अपनाने पर सवाल किया था।

जिसके बाद इस मामले का संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने अलीगढ़ में सड़कों पर नमाज और हनुमान चालीसा पर बैन लगा दिया है। अलीगढ़ के डीएम ने कहा था कि जिले में सड़क पर नमाज पढ़ना प्रतिबंधित किया गया है। जिला मजिस्ट्रेट का कहना है कि ये प्रतिबंध ईद के मौके पर पढ़े जाने वाले नमाज को लेकर भी है। डीएम ने कहा कि हर व्यक्ति को धर्म का पालन करने का अधिकार है, लेकिन वह सिर्फ अपने व्यक्तिगत जगहों या धार्मिक जगहों पर ही धार्मिक गतिविधि कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी को भी किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि सड़क पर करने की अनुमति नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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