हाल ही में पड़ोसी देश पाकिस्तान में 2 हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्मांतरण की ख़बर चर्चा का विषय बनी रही, जिसने पूरे विश्व को पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया। लेकिन सोचने की बात ये है कि ऐसे ही पाकिस्तान जैसे देश में और कितने ही मामले हैं, जिन्हें कभी आवाज तक नहीं मिल पाई होगी।
पाकिस्तान में काफी समय से नाबालिग हिंदू लड़कियों को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। एक हफ्ते से भी कम समय में ऐसे करीब 8 मामले सामने आ चुके हैं। सिंध प्रांत में होली के अवसर पर घोटकी से 2 नाबालिग हिंदू बहनों रवीना और रीना को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन कराया गया। इसके बाद दोनों की इस्लामिक रिवाज के अनुसार निकाह करा दी गई।
इस घटना के अगले दिन सिंध से सोनिया भील नाम की लड़की का अपहरण किया गया। जिसके बाद उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। इसी दौरान सिंध से ही 16 साल की माला कुमारी नाम की एक अन्य हिंदू लड़की का अपहरण किया गया। अपराधी हथियार सहित माला के घर में घुसे और उसे अगवा करके ले गए।
अगर 1947 के बँटवारे के बाद से इस मामले को देखें तो ये सूची बेहद लंबी है। नाबालिग हिंदू लड़कियों को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है, फिर कानून से बचने के लिए लड़कियों से झूठे बयान दिलवाए जाते हैं। लेकिन जब ये देखा जाता है कि हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराने के पीछे सबसे बड़ा हाथ किसका है, तो मियाँ मिट्ठू नाम के व्यक्ति का नाम सामने आता है।
कौन है मियाँ मिट्ठू?
पाकिस्तान में हिंदुओं का गुस्सा सबसे ज्यादा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के पूर्व सांसद पीर अब्दुल हक पर है, जो ठेके पर धर्म परिवर्तन का काम करता है। इसी व्यक्ति को यहाँ मियाँ मिट्ठू के नाम से जाना जाता है। 2016 के आँकड़ों के अनुसार उसके खिलाफ 117 मामले दर्ज हो चुके हैं। पाकिस्तान में हिंदू लोग मियाँ मिट्ठू के खिलाफ कई बार सड़कों पर भी उतरे हैं। लोगों की माँग है कि उसे गिरफ्तार किया जाए। पाकिस्तान में ये इस्लामी कट्टरता खुलेआम चल रही है, जिसमें मियाँ मिट्ठू नाम के लोग बिना डरे अपराध करते हैं।
मियाँ मिट्ठू की तस्वीर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ भी देखी जा सकती है।
नया पाकिस्तान का दावा करने वाले और भारत को शांति का पाठ समझाने का दिखावा करने वाले पाकिस्तान में हिन्दू अल्पसंख्यक सरकार से मियाँ मिट्ठू के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की माँग कर चुके हैं। लेकिन, इसके बाद भी सरकार कुछ नहीं करती। पाकिस्तान का मानना है कि वह अपने यहाँ अल्पसंख्यकों के साथ अच्छा व्यवहार करती है। लेकिन जब ऐसे मामले सामने आते हैं, तो पाकिस्तान की पोल खुल जाती है।
300 हिंदू लड़कियों का अपहरण
पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार हर दिन बढ़ रहे हैं। धीरे-धीरे उनके पूजा स्थल और मंदिर भी नष्ट किए जा रहे हैं। हिंदुओं की संपत्ति पर जबरन कब्जे के कई मामले सामने आ रहे हैं। वहीं हिंदू लड़कियों का अपहरण कर उनका धर्म परिवर्तन कराना भी आम हो गया है। पाकिस्तान जैसे मक्कार देश की सहिष्णुता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहाँ पर हर साल 300 हिंदू लड़कियों का अपहरण कर लिया जाता है। ये बात पाकिस्तान की संस्था ‘मूवमेंट फॉर सॉलिडेरिटी एंड पीस’ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कही गई है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अगवा हिंदू लड़कियों में ज्यादातर की उम्र 12 से 15 साल के बीच होती है। इन लड़कियों की शादी कराकर इनसे जबरन इस्लाम कबूल करवाया जाता है। हालाँकि, माना जाता है कि असल संख्या 300 से भी अधिक है। वर्तमान में पाकिस्तान में हिंदू धर्म का अनुसरण करने वालों की संख्या कुल जनसंख्या का 1.6% है, यानि करीब 36 लाख।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि बीते 50 सालों में पाकिस्तान में बसे 90% हिंदू देश छोड़ चुके हैं। ऐसे में भारत में बैठे पाक अकुपाइड पत्रकार के मीडिया गिरोहों को इमरान खान के लिए शान्ति के नोबल पुरस्कार की अपील करने से पहले इस तरह के आँकड़ों पर भी ध्यान देना चाहिए। शायद जिस तरह से उनकी आवाज हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सुनी है, हो सकता है कि इस समस्या पर भी इमरान खान कोई सख्त कदम उठा दें।