अलगाववादियों द्वारा बुलाए गए बंद के कारण शनिवार (जुलाई 13, 2019) को अमरनाथ यात्रा को एक दिन के लिए रोक दिया गया। तीर्थयात्रियों को जम्मू से कश्मीर घाटी की ओर जाने की अनुमति नहीं दी गई। पुलिस ने बताया कि अलगाववादियों के प्रदर्शनों को देखते हुए कानून-व्यवस्था और अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।
Amarnath Yatra suspended after separatists’s bandh call in Kashmir valley#ITVideo (@sunilJbhat)
— India Today (@IndiaToday) July 13, 2019
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अलगाववादियों ने यह बंद वर्ष 1931 में 13 जुलाई को श्रीनगर के डाउन टाउन इलाके में मारे गए करीब 22 लोगों के विरोध में किया है। बता दें कि साल 1913 में इसी दिन डोगरा महाराजा की सेनाओं द्वारा श्रीनगर सेंट्रल जेल के बाहर गोलीबारी हुई थी, जिसमें करीब 22 लोग मारे गए थे। अलगाववादी हर साल 13 जुलाई को शहीद दिवस के तौर पर मनाते हैं। जम्मू के लोग इस आयोजन का विरोध करते हैं, क्योंकि यह मामला तत्कालीन महाराजा हरि सिंह के खिलाफ विद्रोह से जुड़ा है। वहीं, राज्य सरकार इस दिन को 1947 में आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान के तौर पर मनाती है।
अलगाववादियों के बंद को देखते हुए यात्रा मार्ग समेत अन्य संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए हैं। भारतीय सेना लगातार चप्पे-चप्पे पर नजर जमाए हुए है। कई इलाकों में ड्रोन से नजर रखी जा रही है। बंद के कारण सड़कें सुनसान हैं। गौरतलब है कि 1 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा में 1.50 लाख से अधिक तीर्थयात्री अब तक बाबा बर्फानी का दर्शन कर चुके हैं। 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन अमरनाथ यात्रा समाप्त होगी।