Sunday, November 17, 2024
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‘बम-बम भोले’ के जयकारे के साथ शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

दो साल के अंतराल के बाद दोबारा शुरू हुई यात्रा में, अमरनाथ यात्रियों के पहले जत्थे को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्री निवास जम्मू से झंडी दिखाकर रवाना किया।

दक्षिण कश्मीर की पहाड़ियों में स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए गुरुवार (30 जून 2022) से अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है। कोरोना के चलते 2 साल बाद शुरू हुई यात्रा में लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। यह यात्रा 43 दिन तक चलेगी। आज से शुरू हुई यात्रा 11 अगस्त को समाप्त होगी। इस दौरान 7-8 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन करने की उम्मीद है।

कड़ी सुरक्षा के बीच कई श्रद्धालु पहलगाम और बालटाल बैस कैंप पहुँच चुके हैं। पहलगाम में यात्रियों के पहले जत्थे का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया। पवित्र गुफा के दर्शन करने जा रहे यात्री ‘बम-बम भोले’ के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। अमरनाथ यात्रियों के पहले जत्थे को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्री निवास जम्मू से झंडी दिखाकर रवाना किया। बता दें कि दो साल के अंतराल के बाद दोबारा यात्रा शुरू की गई है, इसलिए जम्मू कश्मीर प्रशासन को इस साल श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य से अधिक होने की उम्मीद है। 4890 यात्रियों का जत्था जम्मू बेस कैंप से अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हो गई है।

भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए कैंप में व्यवस्थाएँ की गई हैं। वहीं किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए जवान हर तरफ तैनात हैं। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यात्रा पर आतंकी खतरे की आशंका के मद्देनजर अधिकारियों ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के लिए आतंकी संगठनों द्वारा रची गई आतंकी साजिश की जाँच कर रही है। रिपब्लिक टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी समूह विभिन्न मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए आतंकवादियों के परिवार के सदस्यों पर नजर गड़ाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के आतंकी कमांडर जो पाकिस्तान चले गए थे, वे भी अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए सक्रिय करने की कोशिश कर रहे हैं। 

बता दें कि बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा दो प्रमुख रास्तों से की जाती है। इसका पहला रास्ता पहलगाम से जाता है और दूसरा सनमर्ग बालटाम से। श्रद्धालुओं को यह रास्ता पैदल ही पार करना पड़ता है। पहलगाम से अमरनाथ की दूरी लगभग 48 किमी है। ये रास्ता थोड़ा आसान और सुविधाजनक है, जबकि बालटाल से अमरनाथ की दूरी तकरीबन 14 किमी है, लेकिन यह रास्ता पहले रूट की तुलना में कठिन है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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