अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अधिकतर समय सिर्फ बेकार की बातों की वजह से ही चर्चा में रहती है। पिछले कुछ दिनों में देशविरोधी बातों को लेकर इस यूनिवर्सिटी की खूब निंदा हुई थी। कभी जिन्ना प्रेम, कभी पाकिस्तान प्रेम, तो कभी आतंकी प्रेम से ओतप्रोत यहाँ के कुछ विद्यार्थी हमेशा गलत कार्यों की वजह से ख़बरों में आ जाते हैं।
इसी कड़ी में, परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, यहाँ के छात्र संघ के प्रेसिडेंट सलमान इम्तियाज़ ने हाल ही में प्रतिबंधित कश्मीरी संगठन, जमात-ए-इस्लामी को ‘सामाजिक मज़हबी राजनैतिक संगठन’ कहा है।
हाल ही में सरकार ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इस संगठन द्वारा आतंकी संगठन हिज़्बुल मुजाहिदीन को वित्तीय सहायता देने के लिए प्रतिबंधित करने के बाद इससे जुड़े लोगों और ठिकानों पर छापे मारे थे। कई लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया था।
सलमान इम्तियाज़ ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “जमात न तो भूमिगत संस्था है, न ही आतंकी संगठन। यह राज्य में चुनावी प्रक्रिया में भी शामिल रहा है। 1989 में जब चुनावों में धाँधली हुई थी, तब के बाद से यह संगठन चुनावों का नकारने लगा था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से हम सारे छात्र इस प्रतिबंध का संज्ञान लेते हैं, और वर्तमान सरकार को जमात पर लगाए गए आरोपों को साफ तरीके से बताने कहते हैं।”
बयान में सलमान और छात्र संघ इतने पर ही नहीं रुका बल्कि इस घटना को भाजपा की ‘हार्डकोर हिन्दुत्व की राजनीति’ से प्रेरित बताया, “जैसे-जैसे भाजपा के शासन के अंतिम दिन आ रहे हैं, और चुनाव सर पर हैं, जमात पर प्रतिबंध लगाना यह दिखाता है कि इसका कारण कोई ग़ैरक़ानूनी कार्य नहीं बल्कि भाजपा की घोर हिन्दुत्व वाली नीति है। कश्मीर के मज़हबी नेतृत्व, आम समाज और व्यापारियों ने भी इस प्रतिबंध की निंदा करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।”
इस तरह के स्टेटमेंट पर प्रतिक्रिया देते हुए अलीगढ़ से भाजपा के सांसद सतीश गौतम ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छात्र संघ ने जमात से प्रतिबंध हटाने की बात कही है। हमारे जवान सीमा पर बलिदान हो रहे हैं, और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का छात्र संघ इस संगठन पर लगे प्रतिबंध का विरोध कर रहा है।” सांसद सतीश गौतम ने पहले भी इस यूनिवर्सिटी को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केन्द्र कहा था।
सतीश गौतम ने आगे कहा, “यूनिवर्सिटी के छात्रों की मानसिकता हर दिन सामने आ रही है। ये लोग ‘भारत माता’ के खिलाफ खड़े होते हैं, और देशविरोधी नारेबाज़ी करते रहते हैं। मैं विश्वविद्यालय के उपकुलपति से मिलकर ऐसे छात्रों पर कार्रवाई की बात करूँगा।”