Saturday, April 20, 2024
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AMU छात्रों ने लगाए भारत विरोधी नारे, 14 छात्रों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज

द वायर ने इस घटना के बारे में एक झूठी कहानी गढ़कर एएमयू के गुंडागर्दी कर रहे छात्रों का समर्थन करते हुए कहा कि रिपब्लिक टीवी वालों ने ही भड़काया था। हालाँकि, एक विडम्बना ये भी है कि एएमयू में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए जाने की ख़बर को मुख्यधारा की मीडिया बहुत अधिक गंभीरता से नहीं ले रही है।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) छात्र संघ के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज सहित 14 छात्रों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज किया गया है। इन छात्रों पर आईपीसी की धारा 124A के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने AMU में पढ़ने वाले इन छात्रों के ख़िलाफ़ तोड़-फोड़ और लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप भी लगाए हैं।

एएमयू उपद्रवियों के ख़िलाफ़ प्रमुख शिकायतकर्ता भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य मुकेश लोढ़ा ने आरोप लगाया है कि एएमयू छात्र संघ अध्यक्ष सहित कुछ अन्य छात्रों ने विरोध दर्ज कराने की वजह से उनकी कार को रोककर उन्हें धमकी दी।

मुकेश लोढ़ा ने बताया कि कैंपस के उपद्रवी छात्रों की भीड़ ने कई वाहनों को आग लगा दी। इसके बाद उपद्रवी छात्रों ने भारत विरोधी और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए। जिसके बाद उन्होंने उपद्रवियों के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज करने के लिए थाने में शिकायत की।

इस मामले में अलीगढ़ पुलिस ने कहा है कि धारा 307 और धारा 153 को किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और हिंसक धमकी और तोड़-फोड़ में लिप्त होने के लिए AMU के अराजक तत्वों के ख़िलाफ़ चालान किया गया है।

यही नहीं अलीगढ़ पुलिस ने एएमयू कैंपस में अराजकता फैलाने वाले 56 छात्रों को कैंपस से निष्कासित करने की माँग विश्वविद्यालय प्रशासन से की है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जल्द ही इन अराजक छात्रों के ख़िलाफ़ गैर-जमानती वारंट जारी किया जाएगा।

बता दें कि एक दिन पहले AMU छात्रों द्वारा रिपब्लिक टीवी के क्रू को परेशान किया गया था जिसके बाद उपद्रवी छात्रों के ख़िलाफ़ धारा 307 और धारा 153 के तहत टीवी क्रू ने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

AMU कैंपस में उपद्रवी छात्रों ने रिपब्लिक टीवी के पत्रकारों को धमकाया था, जिसमें एक महिला पत्रकार भी शामिल थी। भीड़ ने महिला क्रू मेंबर्स को धमकी दी थी कि किसी भी कीमत पर महिला होने की वजह से उन्हें नहीं बख्शा जाएगा। यही नहीं छात्रों ने महिला पत्रकार के साथ अभद्रता करते हुए उसका कैमरा भी तोड़ दिया था।

द वायर ने इस घटना के बारे में एक झूठी कहानी गढ़कर एएमयू के गुंडागर्दी कर रहे छात्रों का समर्थन करते हुए कहा कि रिपब्लिक टीवी वालों ने ही भड़काया था। हालाँकि, एक विडम्बना ये भी है कि एएमयू में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए जाने की ख़बर को मुख्यधारा की मीडिया बहुत अधिक गंभीरता से नहीं ले रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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