आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना प्रकाश में आई है। यहाँ एक नाबालिग (13) से 8 महीने में 80 दरिंदों ने रेप किया। खिलौने से खेलने की उम्र में उसे जिस्मफरोशी की दलदल में धकेल दिया गया। लेकिन जैसे ही इसकी भनक पुलिस को लगी तो उसने मंगलवार (19 अप्रैल 2022) को पीड़िता को बचा लिया। इस मामले में 10 आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपितों में एक बीटेक का छात्र भी शामिल है। बाकी आरोपितों की तलाश की जा रही है। इस मामले में पीड़िता के पिता ने ही पुलिस में शिकायत की थी, जिसके बाद ये एक्शन लिया गया। मामले में मुख्य आरोपित स्वर्णा कुमारी है।
कैसे फँसी नाबालिग
मामला पिछले साल जून 2021 का है। नाबालिग पीड़िता की माँ कोरोना संक्रमित हो गई। एक अस्पताल में ट्रीटमेंट की दौरान पीड़िता की माँ की भेंट स्वर्णा कुमारी नाम की महिला से हुई। बातचीत के बाद धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती हो गई। इस बीच कोरोना के कारण पीड़िता की माँ की मौत हो गई। नाबालिग की माँ की मौत के बाद स्वर्णा कुमारी ने उसे गोद ले लिया और उसके पिता को इसकी जानकारी दिए बिना ही उसे लेकर चली गई।
इस बीच अगस्त 2021 में पीड़िता के पिता ने पुलिस का रुख किया और बेटी के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलने के बाद हरकत में आई पुलिस ने पीड़िता की तलाश शुरू की और स्वर्णा कुमारी तक पहुँची। उससे पूछताछ करते ही जिस्मफरोशी के रैकेट का खुलासा हुआ। उसे कई बार अलग-अलग जगहों पर बेचा गया। अब तक 80 लोगों की पहचान की गई है। 10 को गिरफ्तार किया जा चुका है और बाकियों की तलाश की जा रही है।
एडिशनल एसपी के सुपराजा के मुताबिक, बीते 8 महीने में नाबालिग को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के विभिन्न वेश्यालयों में वेश्यावृति के लिए भेजा गया था। पुलिस ने आरोपितों के पास से एक कार, 53 मोबाइल, तीन ऑटो और बाइक बरामद की है। आरोपितों को विजयवाड़ा, हैदराबाद, काकीनाडा और नेल्लोर से गिरफ्तार किया गया है।