आँध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में स्थित रयावरम गाँव से रविवार (मार्च 5, 2020) को एक पादरी हिरासत में लिया गया। पादरी पर आरोप है कि उसने लॉकडाउन के बीच 100 से अधिक लोगों को एक जगह इकट्ठा कर प्रार्थना करवाई। ये कार्यक्रम इसाइयों के पवित्र सप्ताह शुरू होने से पहले आयोजित किया गया।
घटनास्थल पर रेड मारने वाले पुलिस का कहना है कि प्रार्थनास्थल पर इकट्ठा लोगों में से किसी ने भी मास्क नहीं पहना था। और सभी एक ही जार से शराब पी रहे थे। जिसे देखने के बाद पुलिस ने सभी एकत्रित हुए लोगों को उनके घर भेज दिया और बाद में पादरी को कस्टडी में लेकर उस पर कार्रवाई की।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पादरी की पहचान विजय रत्नम के रूप में हुई। इसके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश देने की अवज्ञा) और 270 ( खतरनाक बीमारी फैलने की संभावना) के तहत एवं महामारी संबंधित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ।
A pastor arrested in Rayavaram, East Godavari district, #AndhraPradesh. Ignoring lockdown, he was holding a prayer meeting with about 150 ppl. Locals alerted the police. #COVIDIOTS #Covid_19 pic.twitter.com/VIvwS3m7pt
— Revathi (@revathitweets) April 5, 2020
ये मामला उस समय सामने आया है जब फेडरेशन ऑफ तेलुगु चर्च (FTC) तक ने पिछले हफ्ते ये ऐलान किया था कि प्रशासन का साथ देते हुए चर्चों की सभी सभाओं को अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
बता दें कि आंध्र प्रदेश में रविवार को 26 नए मामले सामने आए हैं। जिसके बाद राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 252 हो गई है। इनमें से 11 केस पूर्वी गोदावरी जिले के हैं। राज्य सरकार ने कोरोनो वायरस संक्रमित पाए जाने वाले लोगों के इलाकों को रेड अलर्ट पर रखा है और साथ ही व्यापक स्तर पर उनकी देखरेख की जा रही है कि सभी लोग सही से कोरोंटाइन हैं या नहीं। जानकारी के अनुसार, राज्य में केवल विजयनगरम और श्रीकाकुलम एकमात्र जिले हैं, जहाँ कोविड -19 के मामले अभी तक नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कई लोग 20 मार्च को राज्य में लौटे थे। इसी के बाद यहाँ कोविड-19 के अधिक मामले आए और अचानक संक्रमित केसों में बढ़ोतरी हुई।