महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को जमानत मिल गई है। राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के नेता देशमुख ‘100 करोड़ की वसूली’ मामले में जेल में बंद हैं। उन्होंने स्वास्थ्य आधार पर जमानत की माँग की थी। हालाँकि देशमुख जेल से तुरंत बाहर नहीं निकल पाएँगे। अदालत ने जमानत के तुरंत बाद इसपर 10 दिनों की रोक लगा दी।
दरअसल मामले की जाँच कर रही केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में इस फैसले का विरोध किया और शीर्ष न्यायालय में इसे चुनौती देने के लिए समय की माँग की । बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई की माँग को स्वीकार कर लिया और आदेश को दस दिन तक स्थगित कर दिया।
अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली का आरोप है। इसी मामले में उन्हें 2 नवंबर, 2021 को गिरफ्तारी किया गया था और तब से वह जेल में ही हैं। सीबीआई (CBI) मामले की जाँच कर रही है। इससे पहले, सीबीआई की विशेष अदालत ने पिछले महीने 72 वर्षीय अनिल देशमुख की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था। इसके बाद न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की एकल पीठ ने गुरुवार (8 दिसंबर 2022) को देशमुख की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।
अनिल देशमुख 100 करोड़ की वसूली मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों के निशाने पर हैं। सीबीआई जहाँ इस मामले में भ्रष्टाचार के अपराध की जाँच कर रही है तो ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जाँच कर रही है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 4 अक्टूबर, 2022 को उन्हें जमानत दे दी थी।
उल्लेखनीय है कि 20 मार्च 2021 को मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने का आदेश दिया था। परमबीर सिंह ने चिट्ठी में ये भी कहा था कि सचिन वाजे ने उन्हें बताया था कि अनिल देशमुख ने उससे हर महीने जेल से, रेस्ट्रां, होटल, बार आदि जगहों से 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने को कहा था।
इन्हीं आरोपों के बाद सीबीआई ने अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। हालाँकि बाद में जाँच एजेंसी ने बरख़ास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को माफी दे दी थी और उसे सरकारी गवाह बना लिया था।