“सिखों के पवित्र धर्मस्थल और सबसे बड़ी अथॉरिटी श्री अकाल तख्त साहिब को हिंदुत्व आतंकी भारतीय सेना ने अपने टैंको से बर्बाद कर दिया। ज्यादा से ज्यादा बर्बादी और हजारों सिखों की हत्या के लिए वायुसेना और नौसेना का भी प्रयोग किया गया। रसायनिक हथियार भी इस्तेमाल किए गए। सिखों के पवित्र धर्मस्थल को मौत का मैदान बना दिया गया।”
झारखंड के गुरुद्वारे में लगे खालिस्तानी पोस्टर पर यही लिखा हुआ है
झारखंड में एक शहर है – जमशेदपुर। इस शहर का एक इलाका है – मानगो। यहाँ एक गुरुद्वारा है। गुरुद्वारे में कई पोस्टर लगे हैं। एक पोस्टर में भारतीय सेना को ‘हिंदुत्व आतंकवादी’ बताया गया है। भारतीय वायुसेना और नौसेना को भी हत्यारा बताया गया है। सबसे ऊपर जो लाइनें लिखी गई हैं, वो उसी पोस्टर की हैं।
जमशेदपुर स्थित जिस मानगो गुरुद्वारा में भारतीय सेना के लिए आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, उस पोस्टर में खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह को बगल में खड़ा कर हीरो और किसी संत-ज्ञानी की तरह दिखाया गया है। इस आतंकी की फोटो के नीचे इसे ‘महान शहीद’ भी बताया गया है।
इसी गुरुद्वारे के दूसरे पोस्टरों में कई खालिस्तानी आतंकियों का महिमामंडन किया गया है। इनमें से कुछ नाम हैं – जनरल शाबेग सिंह, भाई केहर सिंह, भाई सतवंत सिंह, जगतार सिंह हवारा, बलवंत सिंह राजोआना, दविंदर पाल सिंह भुल्लर, दिलावर सिंह बब्बर… आदि।
इन पोस्टरों से संबंधित जानकारी के लिए ऑपइंडिया ने जमशेदपुर के स्थानीय लोगों से बात की। प्राइवेट सेक्टर के एक बैंक में काम करने वाले मैनेजर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन पोस्टरों को देख कर वह आश्चर्य में पड़ गए थे। उन्होंने कहा, “एक दोस्त की नानी के निधन पर श्राद्ध-भोज में गया था। पोस्टर देख कर दिमाग घूम गया था। बैंक के ही अपने एक सहकर्मी से इसकी चर्चा भी की। आश्चर्य यह है कि अभी तक इस तरह के देशद्रोही हरकत के विरुद्ध न तो मीडिया-कवरेज मिला, न ही प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई हुई।”
विश्व हिंदू परिषद (झारखंड यूनिट) के प्रचार-प्रसार प्रमुख संजय कुमार से भी इस मामले पर हमने बात की। उन्होंने बताया कि इन पोस्टरों के लगाए जाने के बाद जमशेदपुर में इसका विरोध किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मानगो गुरुद्वारा के प्रबंधन ने विश्व हिंदू परिषद के जमशेदपुर स्थित जिला पदाधिकारियों के विरोध दर्ज कराए जाने के बावजूद इन पोस्टरों को हटाने से इनकार कर दिया।
संजय कुमार ने इन पोस्टरों को लेकर कहा कि यह देश-विरोधी गतिविधि है। उन्होंने बताया कि इस मामले की जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी है लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उनके अनुसार, जमशेदुपर के मानगो पुलिस थाने ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले गुरुद्वारे के इस हरकत को लेकर कभी कार्रवाई नहीं की।
ऑपइंडिया ने जब इस बाबत मानगो गुरुद्वारे के सदस्य सरदार भगवान सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि किसने ऐसा किया। हिन्दू संगठनों के विरोध पर भी पोस्टर न हटाने और भारतीय सेना से क्या दुश्मनी के सवाल पर भगवान सिंह ने ‘मैं दिखवाता हूँ’ कह कर फोन काट दिया।
‘झारखंड गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी’ के अध्यक्ष सरदार शैलेन्द्र सिंह ने भी ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा, “भिंडरवाला की फोटो लगी है, जिसे सिख समुदाय शहीद मानता है। शायद वो आप लोगों के लिए आतंकी होगा, लेकिन सिखों के लिए नहीं। आजकल उसकी फोटो बाजारों में मिलती है। उसकी तस्वीर को सिखों के सैकड़ों शहीदों के बीच जगह दी गई है। रही बात आर्मी के अपमान की तो आप हमें फोटो भेजें। हम अपमान करने वालों पर तत्काल कार्रवाई करवाएँगे।”
जब सम्बन्ध में हमने SHO मानगो से बात की तो उन्होंने अपने थाना क्षेत्र में ऐसी किसी भी घटना की जानकारी होने से इनकार कर दिया। थाना प्रभारी मानगो हमसे ही जगह आदि की जानकारी लेने का प्रयास करने लगे।