Monday, November 18, 2024
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NRC अधिकारी सैयद शाहजहाँ और राहुल परासर रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

आरोपितों के खिलाफ दिसपुर जिले की आनंद नगर निवासी कजरी घोष दत्ता ने एंटी-करप्शन ब्यूरो में शिकायत की थी। कजरी के अनुसार उनका नाम एनआरसी के ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं।

एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) में नाम जोड़ने के एवज में रिश्वत लेते हुए दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। टीम ने गुरुवार (जून 13, 2019) को सैयद शाहजहाँ और राहुल परासर को 10 हजार रुपए बतौर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। इन दोनों को गुवाहाटी स्थित दिसपुर एनआरसी केंद्र नंबर आठ के कार्यालय से गिरफ्तार किया गया है।

सैयद शाहजहाँ फील्ड लेवल अधिकारी और राहुल पराशर असिस्टेंट लोकल रजिस्ट्रार ऑफ सिटिजन रजिस्ट्रेशन के पद पर तैनात हैं। दोनों के खिलाफ दिसपुर जिले की आनंद नगर निवासी कजरी घोष दत्ता ने एंटी-करप्शन ब्यूरो में शिकायत की थी। कजरी के अनुसार उनका नाम एनआरसी के ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं। उनका कहना है कि जब उन्होंने एनआरसी ड्राफ्ट में नाम शामिल करने के लिए आवेदन किया, तो अधिकारियों ने उनसे रिश्वत के तौर पर 10 हजार रुपए माँगे।

एसीबी निदेशक ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपितों के पास से रुपए और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। एनआरसी सेवा केंद्र पर भी जाँच की जा रही है। दरअसल, दोनों आरोपितों ने महिला के आवेदन में कुछ गलतियाँ निकाली थी और इन्हीं गलतियों को दूर करने के बदले में महिला से 10 हजार रुपए की माँग की गई थी। फिलहाल, दोनों आरोपितों को अदालत में पेश किया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेशनुसार आगामी 31 जुलाई से पहले एनआरसी का फाइनल और सम्पूर्ण ड्राफ्ट प्रकाशित हो जाएगा। पिछले साल जुलाई में एनआरसी की सूची आने के बाद पूर्वोत्तर के दो राज्य पश्चिम बंगाल और असम में खासा राजनीतिक हंगामा हुआ था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि एनआरसी का अंतिम प्रकाशन 31 जुलाई तक हो जाना चाहिए। कोर्ट ने पहले चरण में ड्राफ्ट से शामिल न हो पाए असम के 40 लाख आवेदकों को भारतीय नागरिकता के प्रमाण के लिए 25 मार्च, 1971 या उससे पहले के किसी भी सरकारी दस्तावेज के साथ आवेदन करने का दोबारा मौका दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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